आज शनिवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर कांग्रेस पर हमला बोला। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से आतंकियों और पाकिस्तान पर की गई जवाबी कार्यवाही की तुलना वर्तमान सरकार के कार्यकाल से पहले देश में हुई आतंकी घटनाओं व बम धमाकों से करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ”आप यहां मोदी-मोदी कर रहे हैं और वहां कुछ लोगों की नींद हराम हो रही है। वे लोग उरी के बाद हमसे सबूत मांग रहे थे। पुलवामा हमला हुआ तो भारत के वीरों ने जो काम किया ऐसा काम दशकों तक नहीं हुआ। हमारे वीरों ने आतंकियों को उनके घर में घुस के मारा है।”
पहले की सरकार ने हमारे सुरक्षा बलों के हाथ-पैर बांधकर कहा कि आतंक का मुकाबला करिए:
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ”भारत कभी नहीं भूल सकता कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने आतंकी हमला किया था। तब सारे सबूत पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं की तरफ जा रहे थे। लेकिन भारत ने क्या किया, पाकिस्तान को कैसे जवाब दिया? खबरें तो ये भी हैं कि उस समय भी हमारी वायुसेना ने कहा था कि हमें खुली छूट दीजिए। लेकिन हमारे सुरक्षाबलों को छूट नहीं दी गई। उनके हाथ-पैर बांधकर कहा गया कि आतंक का मुकाबला करिए। याद करिए, साल 2010 में पुणे में एक बेकरी में बम धमाका हुआ, उसी साल वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर बम धमाका हुआ। साल 2011 में मुंबई में फिर आतंकी हमला हुआ। ओपेरा हाउस, जावेरी बाजार, दादर में बम फटे। दिल्ली हाईकोर्ट के सामने भी बम फटा। लेकिन अब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद आतंक के आकाओं को समझ में आ गया है कि ये पुराना भारत नहीं है। देश के वीर जवान उन्हें जवाब दे रहे हैं, लेकिन इस देश के नागरिक के तौर पर सतर्क रहकर हमे भी अपना दायित्व निभाना है। उस ताकत को जवाब देना है, जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने का सपना देख रहे हैं। इस टुकड़े-टुकड़े गैंग को पहचानिये, सबसे पहले पाकिस्तान ने ट्वीट करके कहा कि भारत की सेना ने हमारे घर में घुसकर मारा है। लेकिन हमारे देश में ऐसे सिरफिरे लोग हैं, जिन्होंने 8-9 बजते ही कहना शुरू कर दिया कि पता नहीं ये बालाकोट कहां है और वहां क्या क्या हुआ।”