भारत के लोकतंत्र को समझिए, इसकी खूबसूरती को जानिए

0
790
photo: Development News

भारत राज्यों का संघ है, जिसमें संविधान सर्वोच्च है। करीब 3 वर्ष की अथक मेहनत और अनेकों प्रबुद्धशाली व्यक्तियों ने अपने सर्वश्रेष्ठ सुझावों और वैचारिक तर्कों के आधार पर दुनिया के सबसे बड़े लिखित संविधान की रचना की। भारत में शासन संचालन की प्रक्रिया, नियम-कायदे आदि सभी संविधान में उल्लेखित किए गए हैं। इसी के साथ भारत में राज्य का स्वरूप लोकतांत्रिक है, जनतांत्रिक है। जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता में से चुने गए लोग जो शासन संचालन के लिए व्यवस्थापिका और कार्यपालिका का निर्माण करते हैं, यही लोकतांत्रिक व्यवस्था कहलाती है। मौलिक अधिकार, कर्तव्य, नीति निदेशक तत्व आदि एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट अवधारणाएं हमारे लोकतांत्रिक राष्ट्र के स्वरुप को मज़बूती देने हेतु संविधान में सम्मिलित की गई है।

अमेरिका में लोकतंत्र का प्रकार राष्ट्रपति पर आधारित है। जबकि भारतीय लोकतंत्र व्यवस्था ब्रिटैन के प्रकार की है। मतलब भारत में ब्रिटैन की तरह संसदीय लोकतंत्र है। इसके मायने यह है कि हमारे देश में जनता सांसद का चुनाव करती है, जो मिलकर विधायिका का निर्माण करते हैं। इस तरह संसद के निचले सदन में बहुमत प्राप्त दल का नेता प्रधानमंत्री पद के लिए चुना जाता है। यहां साफ़ तौर पर जाहिर है कि मतदाता अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं। हम सीधा प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के लिए वोट नहीं करते। यह प्रणाली एक स्वस्थ लोकतंत्र का निर्माण करती है। जनादेश सीधे तौर पर एक जनप्रतिनिधि का चयन करता है। इसमें क्षेत्र विशेष के लिए चुने जाने वाले प्रतिनिधि के बारे में पूरी तरह जानकारी लेकर, उसकी योग्यता, अयोग्यता को समझकर, बिना राजनैतिक दल से मोहित हुए मतदान करें तो वह आदर्श स्थिति होती है।

ऐसी सशक्त विरासत होने के बावजूद आज इसका अस्तित्व खतरे में नज़र आता है। लगता है कि जैसे यह विरासत हमसे संभाली नहीं जाती। देश में संसदीय लोकतंत्र की पालना न करते हुए राष्ट्रपति लोकतंत्र की भावना पनप रही है। अब चुनाव से पूर्व हर बार सवाल उठ खड़ा होता है मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के चेहरे पर। प्रश्न पूंछा जाता है कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? हम प्रधानमंत्री पद पर व्यक्तियों को अधिक तरजीह देने लगे हैं। राजनैतिक दल को अतिमहत्व देने लगे हैं, संविधान और इसके स्वरूप को भूलकर सियासत की साज-सज्जा में लग गए हैं। यह कहां तक ठीक है! विचार कीजिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here