केंद्र की मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल का आखिरी बजट आज सदन में पेश कर दिया है। आम चुनाव से पहले पेश होने वाला यह बजट अंतरिम बजट कहा जा रहा है, हालांकि सरकार ने यह अब तक का सबसे बड़ा अंतरिम बजट जारी किया है, ऐसे में इसे पूर्ण बजट भी कहा जा सकता है। किसान, मध्यम वर्ग, व्यापारी को लेकर सरकार ने बजट में कई प्रावधान किए हैं। यहां बिंदुओं में समझते हैं उन सभी प्रावधानों को।
- प्रधानमन्त्री मोदी का दावा है कि इस बजट के द्वारा भारत के 12 करोड़ से ज्यादा किसानों को, 3 करोड़ से ज्यादा मध्यमवर्गीय परिवारों को और 30-40 करोड़ श्रमिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
- इस बजट में केंद्र सरकार ने रेलवे के लिए 64,587 करोड़ रुपये आवंटित किए है।
- मोदी सरकार के इस बजट के अनुसार 5 लाख रूपए तक की सालाना आमदनी पर अब कोई आयकर नहीं देना होगा।
- भारत का रक्षा बजट 2019-20 में पहली बार 3 लाख करोड़ रूपए के आंकड़े को पार करते हुए 3,05,296 करोड़ रूपए तक पहुंचा है।
- अंतरिम बजट 2019-20 में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन के लिए 1330 करोड़ रूपए आवंटित करने का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है।
- अंतरिक्ष तकनीकी के लिए 7,483 करोड़ रूपए, अंतरिक्ष एप्लिकेशन के लिए 1,885 करोड़ रूपए व इनसेट सेटेलाइट प्रणालियों के लिए 884 करोड़ रूपए सरकार ने इस बजट में प्रस्तावित किए हैं।
- इस बजट में व्यापारियों, ट्रेडर्स व कर्मचारियों से सम्बंधित डीआईपीपी (डिपार्टमेंट ऑफ़ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन) को रिस्ट्रक्चर करने की बात सरकार ने कही है। अब इस विभाग का नाम डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्रीज एंड इंटरनल ट्रेड किया जाएगा।
- बजट में सरकार ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ पर राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करना प्रस्तावित किया है।
- वर्ष 2019-20 के इस बजट में पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए आधारभूत अवसंरचना आवंटन को 21 प्रतिशत बढ़ाकर 58,166 करोड़ रूपए कर दिया गया है।
- बजट में देश के असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना संचालित करने की बात कही गई है। इसके तहत 60 वर्ष की आयु के बाद इन कर्मचारियों को 3000 रूपए पेंशन दी जाएगी।
- सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने का दावा करते हुए 59 मिनट में अधिकतम एक करोड़ रूपए तक के ऋण मंजूर करने की योजना का प्रावधान किया है। साथ ही जीएसटी पंजीकृत लघु एवं मध्यम उद्यम इकाईयों को एक करोड़ रूपए की ऋण वृद्धि पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट देना भी इस बजट में प्रस्तावित है।
- “जन सुविधा केंद्रों” द्वारा देश के गांव-गांव में कनेक्टिविटी बढ़ाते हुए आगामी 5 वर्षों में 1 लाख गांवों को डिजिटल करने का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया।
- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार वर्तमान में 3 लाख से अधिक जन सुविधा केन्द्र लगभग 12 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करने के साथ ग्रामीण जनजीवन को डिजिटल सेवाएं भी दे रहे हैं।
- 5 एकड़ या इससे कम भूमि वाले किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अथवा पीएम-किसान योजना से लाभान्वित किए जाने की बात है। इस योजना द्वारा छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अंतर्गत देश के करीब 12 करोड़ किसानों को सम्मिलित किया जाना प्रस्तावित है।
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग और मछली पालन का अलग डिपार्टमेंट बनाया जाना प्रस्तावित है।
- नीति आयोग के तहत घुमंतु समुदायों जैसे मदारी, सपेरा, बंजारा, गाडिया लोहार आदि के लिए एक वेलफेयर बोर्ड समिति का गठन किए जाने की बात बजट में कही गई है। इस बोर्ड का काम गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जातियों को सूचीबद्ध करना होगा।