राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम चुका है। प्रदेश के सभी राजनैतिक दल व प्रत्याशी अब तक सारी ज़ोर-आज़माइश कर चुके हैं। राजनेताओं की इस अथक मेहनत में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट पर नज़र डाले, तो जान पड़ता है कि इस दौरान बड़े-बड़े सियासी सूरमाओं को पछाड़ते हुए पायलट सबसे आगे निकल गए हैं।
15 नवम्बर से 5 दिसंबर तक के पिछले 21 दिनों में सचिन पायलट ने प्रदेश की 150 विधानसभाओं को नापते हुए कुल 230 सभाएं कर डाली। इस तरह पायलट कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक बनकर उभरे।
2013 की हार के बाद ही जुट गए थे तैयारियों में:
सचिन पायलट अक्सर बताते हैं कि जब पिछले चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा तो उसके बाद से ही वो राजस्थान के अगले चुनाव की तैयारियों में जुट गए थे। 2013 जैसी भीषण हार कांग्रेस ने पहले कभी नहीं देखी थी। उस समय पायलट को राजस्थान कांग्रेस की कमान सौंपी गई। अपने युवा एवं जोशीले नेतृत्व क्षमता के बूते पायलट ने पार्टी को निराशा के दौर से बाहर निकाला। शुरुआत से ही प्रदेश की भाजपा सरकार के प्रति हमलावर रहे। प्रदेश के सभी वर्ग, समूहों से मुलाक़ात की। अशोक गहलोत, सीपी जोशी सरीखे दिग्गजों को साथ लेकर प्रदेश में फिर से कांग्रेस के प्रति विश्वास जगाने का काम पायलट ने किया।
मेरा बूथ-मेरा गौरव तथा संकल्प रैली का किया आयोजन:
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद से सचिन पायलट ने प्रदेश कांग्रेस में नवोत्साह फूंकने का काम किया। पायलट ने प्रदेश के सभी कांग्रेस नेताओं को एकजुट किया। इसके साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से तालमेल बैठाए रखा। मेरा बूथ-मेरा गौरव तथा संकल्प रैली जैसे सफल आयोजनों के माध्यम से प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की हवा बनाने का काम पायलट ने बखूबी निभाया।