भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को केरल के कोझिकोड में जनसभा को सम्बोधित किया। वामपंथ शासित राज्य केरल में राहुल ने भाजपा और आरएसएस के साथ ही सीपीएम को हिंसक विचारधारा का दल बताया। राहुल केरल में हिंसा के कारण जान गवाने वाले दो यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के परिवार से भी मिले और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
राहुल गांधी ने कहा, हिंसा कमजोर का हथियार है:
पुलवामा में शहीद जवानों को नमन करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ”पुलवामा हमले के दौरान मोदी जी नेशनल जियोग्राफिक चैनल के लिए फिल्म बनवा रहे थे और अडानी को 6 हवाई अड्डों का ठेका मिला। बीजेपी-आरएसएस और सीपीएम, दोनों हिंसा का इस्तेमाल करते हैं। हिंसा कमजोर का हथियार है और कांग्रेस ने हमेशा अहिंसा से लड़ाई की है। मैंने सीपीएम द्वारा मारे गए 2 निर्दोष युवाओं के परिवारों का दौरा किया। सीपीएम को लगता है कि वे हिंसा के माध्यम से केरल में सत्ता में बने रह सकते हैं, लेकिन केरल न्यायप्रिय राज्य है और उन युवाओं को न्याय ज़रूर मिलेगा। मैं नरेंद्र मोदी नहीं हूं, मैं फर्जी वादे नहीं करता। जब मैं कुछ कहता हूं, तो इसलिए कहता हूं क्योंकि मैंने इसे करने का फैसला किया है।”
राहुल ने कहा, प्रधानमंत्री का काम है कि देश की बात सुने:
प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ पर कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ”जो व्यक्ति अपने मन की बात इस देश पर थोपता है वही व्यक्ति हमारे देश की संस्थाओं पर एक के बाद एक हमला कर रहा है। प्रधानमंत्री का ये काम नहीं है कि वो देश को अपने मन की बात बताएं, प्रधानमंत्री का काम ये है कि वो भारत के हर व्यक्ति के मन की बात को सुनें। कांग्रेस के लिए देश में सबकी बात सुनना जरूरी है। जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा, पंक्ति के अंतिम व्यक्ति की तलाश करें। एक बार जब आपने देश में सबसे कमजोर की आवाज सुनी है, तो आप समझ गए हैं कि देश क्या है। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) 70 वर्षों से हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रक्षा कर रहा है, फिर भी मोदी जी ने विमुद्रीकरण करने से पहले आरबीआई से सुझाव तक लेने की जहमत नहीं उठाई।”