लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया। अपने घोषणा पत्र में उल्लेखित घोषणाओं के आधार पर कांग्रेस ने जहां देश के अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, आर्थिक कमज़ोर, पूर्वोत्तर व जम्मू-कश्मीर के मतदाता और देशभर के प्रबुद्ध लोगों को साधना चाहा तो सत्ताधारी दल भाजपा की तरफ से पार्टी के घोषणा पत्र के महत्वपूर्ण बिंदुओं को टुकडे-टुकडे गिरोह द्वारा तैयार किया जाने वाला बताया।
अरुण जेटली ने कहा- नेहरू-गांधी परिवार की जम्मू-कश्मीर सम्बंधित भूल को आगे बड़ा रही है कांग्रेस:
कांग्रेस पार्टी के मैनिफेस्टो पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा की तरफ़ से अरुण जेटली ने कहा कि ”इस मैनिफेस्टो में ऐसे एजेंडा है जो देश को तोड़ने का काम करते हैं। कांग्रेस का आज का नेतृत्व जिहादियों और माओवादियों के चंगुल में है। वो घोषणा पत्र में कह रहे हैं कि आईपीसी से सेक्शन 124-A हटा दिया जाएगा, देशद्रोह करना अब अपराध नहीं है। जो पार्टी ऐसी घोषणा करती है, वो एक भी वोट की हकदार नहीं है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहा गया कि जो वो वादे करते हैं उसे निभाते हैं। इस घोषणा पत्र में ऐसी बातें हैं जो देश को तोड़ने वाली हैं और देश की एकता के खिलाफ हैं। कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर समस्या की प्रमुख निर्माता है। इसने एक विशेष स्थिति बनाई और असंवैधानिक रूप से अनुच्छेद 35 ए लाया गया। “कश्मीरी पंडितों” और उनकी जातीय स्थिति का संदर्भ स्पष्ट रूप से मैनिफेस्टो में अनुपस्थित है। यह दिखाता है, कि कांग्रेस कितनी अविश्वसनीय है। नेहरू-गांधी परिवार की जम्मू कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल थी, उस एजेंडा को ये आगे बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस मेनिफेस्टो राष्ट्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करता है और इसमें शामिल विषयों की थोड़ी विस्तृत समझ के साथ दिखावा और झांसा देने का वादा करता है। यह एक गैर-जिम्मेदार दस्तावेज है जिसे कभी लागू नहीं किया गया क्योंकि कांग्रेस एक निश्चित हारे हुए व्यक्ति को देखती है।”
न्यूनतम (न्याय) और नौकरियों घोषणा पर घेरा:
अरुण जेटली ने कहा कि ”कांग्रेस की न्याय योजना की कुछ और बातें आज सामने आई हैं। ये केंद्र की योजना नहीं है इसके साधन केंद्र से भी आएंगे और राज्य से भी आएंगे। ये तो पहले दिन कांग्रेस ने नहीं कहा था कि ये केंद्र और राज्य की संयुक्त स्कीम है। राहुल गांधी ने कहा कि हम 28 लाख नौकरियां भरेंगे। कांग्रेस के घोषणा पत्र का अगला वाक्य कहता है कि राज्य सरकार में 20 लाख नौकरियां हैं, उसे भरा जाएगा। इन्हें कम से कम यह पढ़ना चाहिए कि वह क्या कह रहा है।”