राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को मोदी सरकार पर अपनी राजनीति के लिए देश की जनता को असल मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाया। पिछले कई दिनों से भाजपा प्रवक्ताओं, नेताओं व खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्षी नेताओं को राष्ट्रविरोधी व पाकिस्तानी सहयोगी बताने पर गहलोत ने इसे मोदी सरकार का हथकंडा बताया। गहलोत ने कहा कि ”ये भ्रामक प्रचार कर रहे हैं कि विपक्ष सैना के शौर्य पर शक कर रहे हैं। कौन कर रहा है? आजादी के बाद में देश के किसी भी व्यक्ति ने न तो आर्मी पर, न नेवी पर, न एयरफोर्स के शौर्य पर शक किया है। उनके शौर्य पर, उनके बलिदान पर हम सबको गर्व है।”
गहलोत ने कहा, पुलवामा के बाद पूरे देश ने एकजुटता दिखाई, मोदीजी ने देश को डायवर्ट किया:
राजस्थान के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत ने कहा कि ”राहुल गांधी पहले वो व्यक्ति थे, जिन्होंने सबसे पहले आगे बढ़कर सार्वजनिक रुप से कहा कि पुलवामा के बाद में कि हम सरकार के साथ खड़े हैं। तमाम विपक्षी दलों ने इस बात का समर्थन किया। पूरे मुल्क में जो कैंडिल मार्च निकाले गए, नौजवानों के द्वारा उसके माध्यम से देश की जनता ने आक्रोश व्यक्त किया, एकजुटता दिखाई, पूरा मुल्क श्रद्धा के साथ देश की सेनाओं के पक्ष में खड़ा है। मोदीजी को इस बात का गर्व होना चाहिए था कि संकट की घड़ी में चाहे पक्ष हो या विपक्ष, एकजुट हैं। संसद भवन परिसर पर जब हमला हुआ था, तो श्रीमती सोनिया गांधी जी ने जब वाजपेयी जी को फोन किया था, तो वाजपेयी जी ने उस बात की प्रशंसा की। तो क्या मोदी जी को विपक्ष की भूमिका को एप्रिशिएट नहीं करना चाहिए था? पर चुनाव जीतने के लिए, मोदी जी द्वारा जो हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, उसके अंतर्गत उन्होंने किस रुप में तोड़ मरोड़कर, डायवर्ट किया कि सेना का मनोबल तोड़ने का काम ये लोग कर रहे हैं। किसने तोड़ने का काम किया? अगर अमेरिका, इंग्लैड सहित विदेशी मीडिया एयर स्ट्राइक पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करने की कोशिश करे, तो क्या विपक्ष को ये कहने का हक नहीं है कि जो दुनिया देख रही है, कह रही है, उस दुष्प्रचार को रोकने के लिए स्पष्ट करना चाहिए, ताकि हमारे देश की बदनामी न हो।”
आगे गहलोत ने कहा कि ”350 लोग मारे गए, सुबह-सुबह खबर आई थी, देश बहुत खुश हो गया कि 44 लोगों की शहादत का बदला ले लिया हमारी सेनाओं ने, सबको गर्व हुआ। अमित शाह जी कह रहे हैं, 250 लोग। अहलुवालिया जी कह रह हैं कि हमने मारने के लिए आक्रमण नही किया था, उद्देश्य केवल उन्हें बताना था कि हम आक्रमण कर सकते हैं।एयरचीफ मार्शल धनोआ जी कहते हैं, कि हमारा ये काम नहीं है, सरकार बताएगी। सिर्फ चुनाव जीतने के लिए इस प्रकार की जो डायवर्ट करके राजनीति की जा रही है, वो निंदनीय है। देश समझ चुका है, इनकी कथनी-करनी में अंतर है, इनकी नीति-नीयत नेक नहीं है, ये खाली अपने आप को राष्ट्रवादी कहते हैं। ये हिंदुत्व की बात करते हैं, इनकी डेफिनिशन अलग है, जैसे ही कोई बीजेपी ज्वाइन करता है उस दिन से वो राष्ट्रभक्त बन जाता है वरना वो राष्ट्र विरोधी होता है और पहली बार देखा है ये चलन कि कोई आलोचना कर दे सरकार की तो सीधा राष्ट्रद्रोह का आरोप लगता है उस पर। ऐसा इस सरकार से पहले कभी नहीं हुआ।”