संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के बयान राजनीति के आगे कर्तव्य छोड़ने की निशानी है

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भारत के संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा ने राजनीतिक फूहड़ता के फेर में जो भद्दा भाषण दिया वह सियासत के आगे कर्तव्य छोड़ने की निशानी है। उत्तर प्रदेश में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए मंत्री महोदय ने कांग्रेस और विपक्ष की आलोचना करने के चक्कर में प्रियंका गांधी और ममता बनर्जी पर अशोभनीय टिप्पणी कर डाली। ये बात तो जगजाहिर है कि मंत्री महोदय भाजपा के लिए प्रचार-प्रसार को ही अपनी संस्कृति मान बैठे है, लेकिन इस प्रचार कार्य में लीन होकर अमर्यादित रूप धारण कर लेना देश के संस्कृति मंत्रालय का ज़िम्मा संभालने वाले के लिए शर्मनाक है।

यह कहा था महेश शर्मा ने:

उत्तर प्रदेश में जनता को सम्बोधन में महेश शर्मा ने कहा कि ”यदि ममता बनर्जी यहां आकर कत्थक नाच करने लगे तो कौन सुन रहा है उनकी, अगर कर्नाटक का मुख्यमंत्री कुमारस्वामी यहां आकर गीत गाने लगे तो कौन सुन रहा है उनकी। साथ में कहते हैं हम अपने पप्पू का साथ लेंगे, पप्पू वो पप्पू ही रह गया बेचारा। उस दिन हम भी बैठे थे पार्लियामेंट में क्या आंख मारी साहब, मैं भी घायल हो गया। अब वो पप्पू कहता है कि मैं प्रधानमंत्री बनूंगा, तो मायावती, अखिलेश यादव, पप्पू और अब पप्पू की पप्पी भी आ गई है। वो प्रियंका क्या पहले हमारे देश की बेटी नहीं थी क्या, क्या पहले कांग्रेस की बेटी नहीं थी क्या! फिर क्या नया लेकर आई है!” संस्कृति मंत्री के इस बयान में न जाने कौनसी संस्कृति है जो राजनैतिक द्वेषता के चलते नमूनेबाजी पर उतर आई है। महिलाएं चाहे किसी भी राजनैतिक दल की हो, आपकी कितनी ही विरोधी क्यों न हो, ऐसा औछापन कही से भी जायज़ नहीं होता।

भाजपा विधायक ने कहा- मायावती जी रोज फेसियल करवाती है:

केंद्रीय संस्कृति मंत्री के विवादित बयान के बाद उत्तर प्रदेश से भाजपा विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि ”मायावती जी खुद रोज़ फेसिअल करवाती हैं, वो क्या हमारे नेता को क्या शौक़ीन कहेंगी। बाल पका हुआ है और रंगीन करवाके के आज भी अपने आप को मायावती जी जवान साबित करती हैं, 60 वर्ष उम्र हो गयी लेकिन सब बाल काले है।”

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