जयपुर की 6 विधानसभा, जहां अब तक कांग्रेस ने नहीं देखी जीत।

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Party flags of Bharatiya Janta Party (BJP) and Shiv Sena are on dispaly during Lal Krishna Advani,NDA's Prime ministrial candidate address during an election rally in the western indian city of Mumbai on 6th March,2008

जयपुर में कुल 19 विधानसभा सीट हैं। इनमे से 11 विधानसभाएं जयपुर ग्रामीण में और 8 जयपुर शहर में आती हैं।

यहां कमाल की बात यह है कि साल 2008 में परिसीमन के बाद से जयपुर शहर में आने वाली 8 में से 6 विधानसभा सीट ऐसी हैं जहां अब तक कांग्रेस एक बार भी नहीं जीत पाई है। शहर की इन सीटों पर 2008 और 2013 में विधानसभा चुनाव हुए हैं। इन दोनों चुनावों में यहां कांग्रेस हाशिए पर रही है तथा भाजपा प्रत्याशियों ने लगातार दोनों बार मैदान मारा हैं। इस बार चुनाव में देखना मज़ेदार होगा कि क्या कांग्रेस इन विधानसभाओं में चुनावी जीत के सूखे को ख़त्म कर पाती है या भाजपा अपना रिकॉर्ड कायम रखती है।

झोटवाड़ा:

शहर की झोटवाड़ा सीट पर हुए पिछले दोनों चुनावों में राजपाल सिंह शेखावत ने कांग्रेसी प्रत्याशियों को पछाड़ा है। इस सीट पर लगातार जीत के बाद शेखावत भाजपा के प्रखर राजपूत नेताओं की फेहरिस्त में सम्मिलित हो गए हैं। 2008 में कांग्रेस के आला दर्ज़े के नेता लालचंद कटारिया और 2013 में उनकी पुत्रवधु रेखा कटारिया को परास्त कर विधानसभा में पहुंचने वाले शेखावत का मुक़ाबला इस बार भी लालचंद कटारिया से ही है। दोनों में से कौन सीट निकाल पाटा है यह कहना अभी मुश्किल।

सांगानेर:

भाजपा छोड़कर ‘भारत वाहिनी पार्टी’ की स्थापना करने वाले घनश्याम तिवाड़ी को सांगानेर विधानसभा का पुरोधा माना जाता है। यहां परिसीमन के बाद से अब तक दोनों बार तिवाड़ी विजय होते आए हैं। पिछली दोनों बार तिवाड़ी ने कांग्रेस प्रत्याशियों के सामने यहां शानदार जीत हासिल की है। इस बार सांगानेर में भारत वाहिनी से घनश्याम तिवाड़ी, भाजपा से अशोक लाहोटी और कांग्रेस से पुष्पेंद्र भारद्वाज के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला है। कांग्रेस और पुष्पेंद्र इस त्रिकोणीय संघर्ष को भेदकर विजय हासिल करते हैं तो यह बड़ी उपलब्धि होगी।

मालवीय नगर:

2008 में परिसीमन के बाद से मालवीय नगर में कालीचरण सराफ अजेय रहे हैं। मालवीय नगर से पहले सराफ जौहरी बाज़ार से भी विधानसभा में पहुँच चुके हैं। इस बार फिर से सराफ के सामने पिछली बार की पराजित कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा होगी। विभिन्न सर्वें की मानें तो इस बार मालवीय नगर भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीट है। ऐसे में कांग्रेस सराफ के जनमत को हिला भी पाए, यह संभावना बेहद कम है।

आदर्श नगर:

आदर्श नगर से भी भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी अब तक अजेय शख्सियत रहे हैं। 2008 और 2013 के दोनों विधानसभा चुनावों में परनामी ने कांग्रेस के दिवंगत नेता माहिर आज़ाद को मात दी थी। दोनों बार कम अंतर से सीट निकालने वाले परनामी को इस बार कांग्रेस प्रत्याशी रफीक खान कड़ी टक्कर देंगे, ऐसी संभावना नज़र आती है।

किशनपोल:

किशनपोल विधानसभा में भी विधायक मोहनलाल गुप्ता ने अभी तक किसी दूसरे चेहरे को अवसर नहीं दिया है। गुप्ता ने परिसीमन होने के बाद संपन्न हुए दोनों चुनावों में कांग्रेस के अलग-अलग उम्मीदवारों को पराजित किया। इस बार कांग्रेस की ओर से अमीन कागज़ी, गुप्ता को टक्कर देने के लिए मैदान में है।

विद्याधर नगर:

विद्याधर नगर में पिछले दस वर्ष से नरपत सिंह राजवी जनप्रतिनिधि की भूमिका में काबिज़ है। राजवी ने दोनों बार कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह शेखावत को शिकस्त दी है। इस बार जहां कांग्रेस की ओर से सीताराम अग्रवाल मैदान में है, वही विक्रम सिंह निर्दलीय के रूप में चुनौती बनकर उभरे हैं।

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