भारतीय रिज़र्व बैंक को इसका नया गवर्नर मिल गया है। उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद 1980 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास को अगले तीन साल के लिए आरबीआई का 25वां गवर्नर नियुक्त किया गया है। विमुद्रीकरण के दौरान शक्तिकांत दास भारत सरकार में आर्थिक मामलों के सचिव थे। दास से पहले भी वाय वेणुगोपाल रेड्डी, दुव्विरि सुब्बाराव आदि प्रशासनिक अधिकारी आरबीआई के गवर्नर पद पर रह चुके हैं।
पन्द्रहवें वित्त आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं दास:
शक्तिकांत दास नवम्बर 2017 में, एनके सिंह की अध्यक्षता में गठित हुए भारत के पन्द्रहवें वित्त आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं। इसी के साथ दास केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार में कई विभागों में अधिकारी की भूमिका निभा चुके हैं। दास भारत सरकार के अंतर्गत आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव व उर्वरक सचिव के पद पर भी रह चुके हैं।
सरकार से तालमेल बैठाना होगा बड़ी चुनौती:
नवनियुक्त गवर्नर शक्तिकांत दास के समक्ष चुनौतियों की बात करें, तो मौजूदा सरकार के साथ तालमेल बैठाते हुए आरबीआई की प्रतिष्ठा एवं स्वायत्ता बरकरार रख पाना, आर्थिक संवृद्धि बनाए रखना उनके लिए अहम कार्य होंगे।
गौरतलब है कि 2 वर्ष पहले रघुराम राजन ने भी अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, दूसरे कार्यकाल के लिए मना कर दिया था। इसके बाद समय-समय पर राजन, सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते नज़र आए हैं। उसके बाद गवर्नर बने उर्जित पटेल को जहां पहले मोदी के ख़ास लोगों में से एक माना जाता था, वहीं इन दिनों उन्हें भी आरबीआई के कामकाज में सरकारी दखलंदाज़ी का सामना करना पड़ा। कार्यकाल बीच में ही छोड़कर पटेल के इस्तीफा देने के पीछे यहीं कारण बताया जा रहा है।