राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की तरफ से आयोजित की जा रही प्रथम श्रेणी स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा-2018 की तिथि आगे बढ़वाने को लेकर इन दिनों प्रदेशभर में छात्र वर्ग धरने पर बैठा है। इस विषय पर प्रदेशभर के 7 लाख से अधिक परीक्षार्थियों की आवाज़ को बुलंद करने की केंद्रीय भूमिका अभी राजस्थान विश्वविद्यालय निभा रहा है। छात्र आंदोलन के प्रवक्ता नवल किशोर, महेंद्र जाट व सुमन कुमारी के अनुसार प्रदेश के करीब आधे ज़िला स्तरों पर ज़िला प्रमुख को ज्ञापन दिया जा चुका है तथा आज राज्य के सभी ज़िला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। इसी के साथ शनिवार, 5 जनवरी को राजस्थान बंद का आह्वान भी किया गया है।
उप मुख्यमंत्री पायलट ने भी दिया आश्वासन:
परीक्षा तिथि आगे बढ़वाने को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय शोध छात्रसंघ अध्यक्ष राम सिंह सामोता के नेतृत्व में 10 सदस्यीय छात्र-छात्राओं का डेलिगेशन ने गुरुवार को उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाक़ात की। छात्रों की मांग को समझते हुए पायलट ने परीक्षा तिथि आगे खिसकाने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि इससे पहले भी अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, जाट नेता हनुमान बेनीवाल और जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील से मिल चुके हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि आश्वासन तो सभी ओर से मिल रहा है। बावजूद इसके अभी कार्यवाही नहीं हुई है।
जब मध्य प्रदेश में परीक्षा तिथि आगे खिसक सकती है तो राजस्थान में क्यों नहीं:
राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि 29 जनवरी को मध्य प्रदेश में आयोजित होने जा रही स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा को भी स्थगित कर आगे बढ़ाया जा चुका है। ऐसे में जब मप्र सरकार 17 हज़ार अभ्यर्थियों के भविष्य को ध्यान में रखकर परीक्षा दिनांक आगे बढ़ा सकती है तो राजस्थान सरकार क्यों नहीं! यह एक सवाल है।
परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने से बी.एड. व एम.ए. अध्ययनरत छात्रों को न्याय मिलेगा:
आरयू शोध छात्रसंघ अध्यक्ष राम सिंह सामोता का कहना है कि आरपीएससी का नियम है कि परीक्षा परिणाम आने से पहले अभ्यर्थियों के पास बी.एड. व एम.ए. की मार्कशीट होनी चाहिए। जबकि प्रदेशभर में करीब सवा लाख अभ्यर्थी ऐसे हैं जो अभी बीएड या एमए अंतिम वर्ष में अध्ययनरत है। ऐसे में यदि आयोग परीक्षा दिनांक आगे नहीं बढ़ाता है तो सवा लाख परीक्षार्थियों के साथ अन्याय होगा। इसी के साथ उर्दू विषय के पद बढ़ाने की मांग भी उठाई गई। साथ ही सेकंड व थर्ड ग्रेड शिक्षक अभ्यर्थियों का पिछले दिनों चुनाव प्रक्रिया में कार्यरत होने के कारण परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाना भी परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की मांग का एक कारण बताया गया।
पूर्व छात्रनेताओं ने भी दिया समर्थन:
परीक्षा तिथि आगे खिसकाने को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राओं का समर्थन पूर्व छात्रनेताओं द्वारा भी किया गया। इनमें एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुमित भगासरा, विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष व शाहपुरा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे मनीष यादव, वर्तमान अध्यक्ष विनोद जाखड़, महारानी महाविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षा निकिता शेखावत एवं विद्याधर मील प्रमुख रहे।
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