डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख सारस्वत ने कहा 2012-13 में यूपीए सरकार सकारात्मक प्रतिक्रया देती तो 2015 तक हो जाता मिशन शक्ति पूरा

0
978
Former DRDO chief V.K. Saraswat

आज सुबह करीब 12:30 बजे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया के सहारे देशवासियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है जो अंतरिक्ष की निचली कक्षा में भी लाइव सैटेलाइट को नष्ट कर सकता है तो यह सम्पूर्ण देश के लिए गौरव की बात थी। अब चूंकि यह घोषणा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपनी सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिनों में की गई है, तो इस मिशन के लिए श्रेय बहुत हद तक वर्तमान सरकार को जाना तय है। ऐसे समय में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ़ से वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया कि ”एंटी सैटेलाइट मिसाइल कार्यक्रम यूपीए सरकार की पहल थी, जोकि आज फलीभूत हुई  है। मैं हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और डॉ. मनमोहन सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व को बधाई देता हूं।”

अहमद पटेल की तरह ही कई विपक्षी नेताओं ने इस उपलब्धि को पूर्व यूपीए सरकार की उपलब्धि बताने की कोशिश की। ऐसे में पटेल के इस ट्वीट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ”मिशन शक्ति की यह प्रक्रिया साल 2014 में प्रधानमंत्री के अनुमति देने के बाद शुरू हुई। यह बड़ी उपलब्धि है, हम सिर्फ अंतरिक्ष की शक्ति ही नहीं बने है, हमने शीर्ष चार में स्थान भी बनाया है।”

डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख डॉ.वीके सारस्वत ने कहा, यूपीए ने नहीं दी थी सकारात्मक प्रतिक्रया:

भारत के प्रबुद्ध वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं की प्रतिबद्धता का श्रेय लेने के लिए अभी तक राजनैतिक धुर अड़े हुए थे इसी बीच भारतीय रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व प्रमुख व नीति आयोग के सदस्य तथा दिल्ली स्थित जवाहर लाल विश्वविद्यालय जेएनयू के कुलपति डॉ.वीके सारस्वत ने अपने बयान में कहा कि ”इस मिशन के लिए हमने पहले भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में प्रस्तुतियां दी थी। जब इस तरह की चर्चाएं हुईं, तो उन्हें सभी प्रस्तावों के साथ सुना गया। लेकिन दुर्भाग्य से यूपीए सरकार की तरफ़ से हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, इसलिए हम आगे नहीं बढ़े। इसके बाद जब डॉ.सतीश रेड्डी और एनएसए अजीत डोभाल ने पीएम मोदी को प्रस्ताव रखा, तो उन्होंने हौंसला बढ़ाते हुए आगे बढ़ने की अनुमति दी। यदि 2012-13 में ही मंजूरी दी गई होती, तो मुझे पूरा विश्वास है कि प्रक्षेपण 2014-15 में हो चुका होता।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here