पढ़िए पुख्ता रिपोर्ट, भारतीय वायुसेना ने एलओसी पार जाकर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े फ़िदायीन शिविर को तबाह किया

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पाकिस्तानी रहमो-करम पर पल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर भारतीय वायुसेना ने करारा प्रहार किया है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में छुपे बैठे पुलवामा हमले के ज़िम्मेदार इस आतंकी समूह के अड्डों को आज मंगलवार सवेरे 3:30 बजे ही भारतीय वायुसेना के 12 फाइटर विमानों मिराज-2000 ने करीब 1000 किलोग्राम विस्फोटकों से ध्वस्त कर दिया। सुबह करीब 8:30 बजे से यह खबर बाहर आने लगी। फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में, प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा मामलों में कैबिनेट समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमे केंद्रीय रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री सहित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी सम्मिलित हुए। उसके बाद 11:30 बजे भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय वायुसेना के इस ऑपरेशन की पुख्ता जानकारी दी।

जैश के सबसे बड़े कैंप को तबाह किया हमारी वायुसेना ने:

अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि ”हमारी वायुसेना की यह कार्यवाही खुफिया और पुख्ता सूचना के आधार पर की गई है। जैश पुलवामा की तरह ही भारत में कई आत्मघाती हमलों की फिराक में था। इसके लिए फिदायीन आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। बार बार कहने के बाद भी पाकिस्तान ने जैश के ख़िलाफ़ कोई एक्शन नहीं लिया था। ऐसे में भारत को कार्यवाही करनी पड़ी। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पीओके के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े कैंप को ध्वस्त किया है। इस स्ट्राइक द्वारा बहुत बड़ी संख्या में आतंकवादियों, ट्रेनरों, वरिष्ठ कमांडरों और फिदायीन जिहादियों को मार गिराया गया है। इस ऑपरेशन के पीछे हमारा उद्देश्य आतंकी संगठन जैश के अड्डों को तबाह करना था। किसी नागरिक को नुकसान न पहुंचे इसका ध्यान रखा गया था।”

गौरतलब है कि 1971 के भारत-पकिस्तान युद्ध के बाद यह पहली बार है जब हमारी वायुसेना ने एलओसी पार करते हुए पाकिस्तान के अंदर आतंकी कैंपों को निशाना बनाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया है। इसी के साथ आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद वह आतंकी संगठन है जिसने 2001 में भारतीय संसद और 2016 में पठानकोट एयरबस पर आतंकी हमले को अंजाम दिया था।

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