‘स्वैग सिर्फ पंजाब के खेतों में नहीं मिलता, राजस्थान के रेतों में भी मिलता है।‘ अपनी इसी टैगलाइन से दुनिया को रूबरू करवाते हुए इंडियाज़ गोट टैलेंट के मंच पर इन दिनों राजस्थान का ”स्वैगस्थान” धूम मचा रहा है। साल 2005 में वी चैनल के सुपर सिंगर कार्यक्रम में अपनी अलग पहचान बनाने वाले राजस्थान के अलवर ज़िले के मुंडावर से आने वाले प्लेबैक सिंगर रविंद्र उपाध्याय और उनकी टीम ने यह ग्रुप बनाया है। राजस्थानी संस्कृति और भाषा को एकरंगता में समेटने वाला यह बैंड ग्रुप इस मंच के सहारे देशभर के दर्शकों के सामने अपनी और मरुधरा की निराली छवि बना चुका है। एक के बाद एक बेहतरीन परफॉर्मेंस के चलते यह ग्रुप आज इंडियाज़ गोट टैलेंट के सेमीफाइनल में पहुँच चुका है। अब यह टीम इस रियलिटी शो के उस दौर में हैं जहां तक केवल चार ग्रुप ही अपनी जगह बना पाए हैं। दर्शकों की चाहती बन चुकी टीम ”स्वैगस्थान” को इस कार्यक्रम की विजेता टीम बनाने की ज़िम्मेदारी अब उन सभी लोगों पर आ चुकी है, जो राजस्थानी संस्कृति की खूबसूरती और स्वांग को और निखरता देखना चाहते हैं। दर्शक वूट (VOOT) एप्प के माध्यम से टीम ”स्वैगस्थान” को अपना वोट एवं समर्थन दे सकते हैं।
दर्शकों और निर्णायकों की पाई प्रशंसा:
राजस्थानी लोक गीत और संगीत को आज का ट्रेंड बनाने में लगी ”स्वैगस्थान” टीम में रविंद्र उपाध्याय, प्रदेश के लोक गायक रेपरिया बालम व बैंड के अन्य साथी कलाकार सुमेर डांगी, सौरभ परिहार और हनी शर्मा के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के जाने-माने टीवी कार्यक्रम में धूम मचा रहे हैं। कार्यक्रम में दर्शकों की तालिया और हूटिंग बटोरने के साथ ही यह ग्रुप निर्णायकों की प्रशंसा भी पा रहा है।
राजस्थानी संगीत को पहुंचाया नए मुक़ाम तक:
एक ऐसे दौर में जब प्रादेशिक भाषा की अहमियत कम होती जा रही है, रविंद्र उपाध्याय और उनका यह बैंड ग्रुप राजस्थानी को इसकी पहचान दिलाने में लगे हुए हैं। अपनी हर एक परफॉर्मेंस में रंगीले राजस्थान को दर्शाने वाले ”स्वैगस्थान” के सभी कलाकार अपने-अपने स्तर पर राजस्थान के राजसी ठाठ-बाट को अपनी कला के माध्यम से उकेरते रहे हैं। इस तरह इनका यह प्रयास न केवल ज़मीन से जुड़े बड़े – बुज़ुर्गों को भा रहा है, बल्कि प्रदेश के युवाओं को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।