राजनैतिक नज़रिए से 2019 की चुनौती है राजस्थान, क्योंकि…..

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courtesy: AajTak

राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को पटखनी देकर, बहुमत प्राप्त करते हुए कांग्रेस प्रदेश में सरकार बना चुकी है। बावजूद इसके 2019 का आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए इतना आसान रहने वाला है। खैर 2019 सरल तो भाजपा के लिए भी नहीं होगा। पिछले चुनाव में पूरी 25 सीटों पर विजय हासिल करने वाली भाजपा इस दफ़ा वैसा ही प्रदर्शन दोहरा दे, यह तो लगभग असंभव ही प्रतीत हो रहा है। वहीं दूसरी ओर 2014 के चुनाव में शून्य पर सिमट जाने वाली कांग्रेस के लिए वापसी की डगर बेहद कठिन है।

विधानसभा चुनाव की हार के बाद मुश्किल है भाजपा के लिए गढ़ बचा पाना:

भाजपा और कांग्रेस को नज़र में रखकर कहा जाए, तो राजस्थान वह राज्य है जहां हमेशा से ही राजनैतिक विकल्प को तरजीह मिलती रही है। स्वतंत्रयोत्तर जब कांग्रेस पार्टी देशभर में प्रभुत्व रखती थी, तब भी प्रदेश से अनेकों निर्दलीय और गैर कांग्रेसी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। भैरोंसिंह शेखावत और घनश्याम तिवाड़ी जैसे कद्दावर राजनेताओं की सक्रियता के बाद तो राजस्थान देश में भाजपा के गढ़ के रूप में उभर कर सामने आया। विधानसभा चुनावों में भले ही हर 5 वर्षों में सत्ता हस्तांतरण होता रहा हो, लेकिन भाजपा के मत प्रतिशत में ख़ास कमी नहीं आई। 2014 के पिछले लोकसभा चुनाव में भी राजस्थान देश के उन विरले सूबों में शुमार रहा जहां 100 प्रतिशत सीटों पर भाजपा ने विजय हासिल की थी। ऐसे में यह प्रदेश भाजपा का मज़बूत गढ़ बनकर उभरा है, इसमें कोई संशय नहीं। बावजूद इन सबके हालिया विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जिस तरह पिछली बार की तुलना में 90 सीटें गवानी पड़ी, तो यह भाजपा के लिए चिंतन और मंथन का विषय बन चुका है, तो कांग्रेस में उत्साह फूंकने के लिए काफी है।

कांग्रेस के पास नहीं कुछ भी खोने को:

2014 लोकसभा चुनाव के परिणाम देखे जाए तो सीटों की संख्या के लिहाज़ से 2019 में कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। बावजूद इसके एक पक्ष है कि  पिछले कुछ सालों में प्रदेश में कांग्रेस मज़बूत होकर उभरी है। राष्ट्रीय स्तर पर राहुल गांधी की सक्रियता भी कांग्रेस के लिए शुभ संकेत है। फिर भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को संभलकर खेलना होगा, क्योंकि हाल ही में राजस्थान सहित देश के तीन बड़े राज्यों में भाजपा को सत्ता से बेदखल कर सरकार बनाने वाली कांग्रेस का विरोध करने के लिए 2019 में मोदी-शाह की अगुवाई में भाजपा का बेजोड़ समर्थक बल तैयार है।

भाजपा की तरफ़ से नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा 2019 का आम चुनाव:

posted by @narendramodi

देखा जाए तो राजस्थान में भाजपा के लिए सकारात्मक बात यह है कि 2019 का आम चुनाव प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लडा जाएगा। राजनैतिक पण्डितों की माने तो विधानसभा चुनाव में भाजपा की शिकस्त का बड़ा कारण यहां हर पांचवें साल होने वाला सत्ता परिवर्तन और मुख्यमंत्री के तौर पर वसुंधरा राजे के प्रति जनता की बेरुखी और नाराज़गी रही। ज़मीनी सर्वेक्षण तो अभी भी यहीं बताते है कि राज्य की जनता आम चुनाव में एक बार फिर भाजपा और मोदी के पक्ष में मत देने के मूड में है। ऐसे में प्रदेश से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवारों को मज़बूत केंद्रीय छवि का फ़ायदा मिलेगा, इसको नकारा नहीं जा सकता।

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