10 लाख से अधिक पंजीकृत बेरोजगार हैं राजस्थान में। आखिर सरकार कैसे दे पाएगी 3500 रुपए प्रति महीना बेरोजगारी भत्ता

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courtesy: IndiaTimes.com

राजस्थान में चुनावी मौसम ख़त्म हो चुका है। नई सरकार का गठनभी हो चुका है। ऐसे में अब वक़्त है कि चुनाव पूर्व एक राजनैतिक दल के तौर पर जो वादें एवं घोषणाएं सत्ताधारियों ने किए, अब उन्हें अमली जामा पहनाया जाए। प्रदेश के किसान, जवान, मज़दूर, महिला व हर उस वर्ग के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई जाए जिससे वादा करके सरकार ने अपने लिए जनमत जुटाया है।

इन्हीं में से एक प्रमुख वर्ग है शिक्षित युवा बेरोजगार। जी हां, शिक्षित भी, युवा भी, और बेरोजगार भी। जिसके साथ वादा किया गया था रोजगार की असीम संभावनाओं को साकार करने का। वादा किया गया था रोजगार के अभाव में सरकारी सहयोग का। हर महीने 3500 रुपए बेरोजगारी भत्ते का।

जब 500 रुपए ही नहीं दिए गए तो 3500 की कैसे करे उम्मीद:

गौरतलब है कि कांग्रेस की पिछली सरकार के समय भी प्रदेश में बेरोजगारी भत्ते के रूप में शिक्षित बेरोजगारों को 500 रुपए प्रतिमाहदेने का प्रावधान था, जो आगे चलकर अप्रैल 2017 से अक्षत योजना के नाम से बेरोजगार पुरुष को 600 रुपए प्रतिमाह एवं बेरोजगार महिला व दिव्यांगों के लिए 750 रुपए कर दियागया। अब बात योजना द्वारा लाभान्वित बेरोजगारों की करें तो प्रदेश के अब तक महज़ 90 हज़ार बेरोजगा रही इस श्रेणी में आते हैं। ऐसे में जब अब तक की सरकारे युवा बेरोजगारों के लिए 500 रुपए सुनिश्चित नहीं कर सकी तो संभल जाने की ज़रुरत है। अपनी सियासत सींचने को लेकर बेरोजगार वर्गसे किया गया 3500 रुपए प्रति महीना का वायदा कहीं एक भद्दा मज़ाक बनकर न रहजाए।

खुद सचिन पायलट मानते हैं, प्रदेश में 33 लाख बेरोजगार होने की बात:

देश के सांख्यिकी विभाग का दावा है कि 13.7% बेरोजगारी दर केसाथ राजस्थान में तकरीबन 33 लाख युवा शिक्षित बेरोजगार की श्रेणी में शामिल हैं। अभीकुछ दिनों पहले तक विपक्ष के रूप में सरकार पर हमलावर रहे कांग्रेस पार्टी केप्रदेशाध्यक्ष और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री खुद सचिन पायलट भी इस बात को स्वीकारते हैं।

हकीकत तो यह कि विभाग के पास बजट ही नहीं:

राजस्थान में बेरोजगारों की सार-संभाल करने वाले श्रम नियोजन व रोजगार विभाग की बात की जाए तो प्रदेश के करीब 10 लाख युवा विभाग में पंजीकृत हैं। चूँकि बगैर मुनाफे के युवा अपने आप को बेरोजगार साबित करने को लेकर खासा उत्साहित नहीं है, इसलिए यह संख्या अभी वास्तविक आंकड़ों से मेल नहीं खाती है। अब यदि सरकार अपना वादा निभाते हुए 3500 रुपए सचमुच देने लगे तो बेरोजगार नौजवानों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी होने की संभावना है। ऐसे में सवाल है कि किस तरह 33 लाख से अधिक बेरोजगारों को हर महीने 3500 रुपए भत्ता यह सरकार दे पाएगी। क्योंकि रकम बैठती है पूरी 11550000000(साढ़े 11 अरब) रुपए प्रति महीना।

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