उपचुनाव के बाद जनता का बदला मूड। हारे हुए को जिताया तो जीते हुए को हराया

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बड़े -बड़े सूरमाओं के लिए भी सियासत कभी सुलझी हुई नहीं होती। राजनीति में जनता कब किसको पटखनी दे जाए और कब किसको सर आंखों पर बैठा ले इसका निर्धारण कर पाना बेहद मुश्किल है। कुछ यहीं हुआ राजस्थान के उपचुनाव में किस्मत आज़माने वाली दो शख्सियतों अलवर सांसद डॉ. कर्ण सिंह यादव और अजमेर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी रहे रामस्वरूप लांबा के साथ।

भारी मतों से जीतकर सांसद बने थे डॉ.कर्ण  सिंह:

राजस्थान उपचुनाव में डॉ.कर्ण यादव कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर 196496 मतों के भारी अंतर से जीतकर संसद पहुंचे थे। जनमत ने बाजी ऐसी पलटी कि इस बार डॉ. कर्ण सिंह यादव विधानसभा चुनाव ही हार गए। किशनगढ़बास सीट से मैदान में उतरे कर्ण सिंह हारे भी ऐसे कि तीसरे स्थान पर ही ठहर गए। इसी के साथ अलवर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली 7 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल 2 सीटों पर ही जीत हासिल हुई।

भारी अंतर से हारने वाले लाम्बा जीते, पहुंचे विधानसभा:

राजस्थान विधानसभा के उपचुनाव में अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रघु शर्मा के सामने 84414 मतों से शिकस्त खाने वाले रामस्वरूप लाम्बा के पक्ष में इस बार किस्मत और जनमत दोनों रहे। लाम्बा इस बार अजमेर लोकसभा की नसीराबाद विधानसभा से 16684 मतों से विजयी होने में कामयाब रहे।

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