अभी कुछ महीनों पहले भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशक द्वारा जारी की गई ड्रोन पॉलिसी आज 1 दिसंबर से देशभर में लागू हो जाएगी। इसके तहत सभी रिमोट से नियंत्रित होने वाले, हवा में उड़ने वाले यंत्र ड्रोन की श्रेणी में आएंगे।
ड्रोन के पांच प्रकार, आपके लिए जानना ज़रूरी:
भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशक ने ड्रोन का पांच प्रकारों में श्रेणीकरण किया है।
- नैनो : 250 ग्राम या उससे कम भार का ड्रोन।
- माइक्रो: 250 ग्राम से 2 किलो तक वज़नी।
- स्मॉल : 2 किलो से 25 किलो तक वज़नी।
- मीडियम : 25 किलो से 150 किलो तक वज़नी।
- लार्ज : 150 किलो से अधिक वज़नी।
इन सभी ड्रोन के नियंत्रकों को ड्रोन उड़ाने के लिए भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय से परमिट/अनुमति लेनी ज़रूरी होगी।
पूरी तरह से दायरे में होगा ड्रोन का इस्तेमाल:
जारी दिशानिर्देश के अनुसार:-
- ड्रोन का उपयोग करने के लिए व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। साथ ही न्यूनतम 10वीं कक्षा अंग्रेजी विषय के साथ पास होना चाहिए।
- देश के महानगरों में ड्रोन को एयरपोर्ट से 5 किलोमीटर की परिधि में नहीं उड़ाया जा सकता, वहीं अन्य शहरों में एयरपोर्ट के 3 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाना प्रतिबंधित है।
- प्रतिबंधित क्षेत्रों व भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के 25 किलोमीटर के अंदर ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकेगा।
- राजधानी दिल्ली के विजय चौक के 5 किलोमीटर दायरे में भी ड्रोन नहीं उड़ा सकेंगे। इसके अलावा राजधानी में स्थित सचिवालय व मंत्रालय के आसपास के इलाके में भी ड्रोन प्रतिबंधित रहेगा।
- ड्रोन उड़ाने के लिए भारत सरकार का नागरिक उड्डयन मंत्रालय एक लाइसेंस जारी करेगा, जोकि 5 वर्ष के लिए वैध रहेगा।
- 50 फ़ीट से नीचे उड़ने वाले नैनो ड्रोन के लिए परमिट ज़रूरी नहीं।
- यदि माइक्रो ड्रोन को 200 फ़ीट के दायरे में उड़ाया जाता है, तो परमिट ज़रूरी नहीं, लेकिन 24 घंटे पहले स्थानीय पुलिस थाना को सूचना देना ज़रूरी।
- अन्य सभी ड्रोन के प्रकारों के लिए परमिट आवश्यक है।