काले धन पर पीएमओ ने किया सूचना आयोग को जवाब देने से इंकार

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The Union Minister for Finance, Corporate Affairs and Defence, Shri Arun Jaitley addressing a press conference, in New Delhi on July 17, 2017. The Minister of State for Finance, Shri Santosh Kumar Gangwar and the Revenue Secretary, Dr. Hasmukh Adhia are also seen.

भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन से जुडी जानकारी साझा करने से स्पष्ट इंकार कर दिया है। अब इसके तहत सरकार काला धन रखने वाले किसी भी व्यक्ति का नाम उजागर नहीं करेगी।

पीएमओ ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के एक प्रावधान के तहत किसी तरह की जानकारी देने से मना किया है। दरअसल की जा रही जांच और आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुक़दमे के बाधित होने को ध्यान में रखते हुए आरटीआई का यह अधिनियम सूचनाओं के खुलासे को नियंत्रित करने की मंज़ूरी देता है।

केंद्रीय सूचना आयोग ने मांगी थी काले धन पर जानकारी:

भारत के केंद्रीय सूचना आयोग ने गत 16 अक्टूबर को प्रस्ताव पारित कर 15 दिन के अंदर पीएमओ से काले धन से जुडी जानकारी व दस्तावेज साझा करने को कहा था। आपको बता दे कि सूचना अधिकार अधिनयम, 2005 के अंतर्गत भारत के केंद्रीय सूचना आयोगका गठन 12 अक्टूबर 2005 में किया गया था। इसके अंतर्गत सभी केन्द्रीय लोक प्राधिकारियों पर आयोग की अधिकारिता लागू होती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया था काले धन वालों को बेनकाब करने का वादा:

गौरतलब है कि साल 2014 के आम चुनाव में प्रचार-प्रसार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषणों में बार-बार काले धन पर बात कही थी। यहीं वह समय था जब मोदी ने काला धन वापस लाने और देश के प्रत्येक व्यक्ति के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपए आ जाने की बात कही थी।

भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में भी सरकार बनने पर स्विस बैंक से काला धन वापस लाने और काला धन रखने वालों को बेनकाब करने की बात कही गई थी। आज हकीकत देखी जाए तो सरकार अभी तक इस विषय पर निष्क्रिय ही रही है।

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