पटना साहिब में पार पाना भाजपा के लिए चुनौती, शत्रुघ्न हुए बागी तो रविशंकर का हो रहा विरोध

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आगामी 2 महीने के अंदर कुल 7 चरणों में भारत की 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न होकर परिणाम भी सामने आ जाएंगे। देश की इन 543 लोकसभा सीटों में से कुछेक सीटों पर मुक़ाबला कड़ी टक्कर की तरह होगा। इन्हीं में से एक सीट है बिहार राज्य की पटना साहिब लोकसभा। पिछली दो बार से भाजपा के खाते में आ रही इस सीट को इस बार भी भाजपा निकाल ले, इसकी संभावना बेहद कम नज़र आ रही है। बिहार या देश में भाजपा की लोकप्रियता में ख़ास कमी नहीं आई है, लेकिन पटना साहिब की सीट पर पार्टी को अंतर्विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। बावजूद क्षेत्र में रविशंकर प्रसाद को भाजपा कार्यकर्ताओं के एक वर्ग का विरोध झेलना पड़ रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं का यह वर्ग इस सीट पर भाजपा के राज्यसभा सांसद आर.के. सिन्हा को उम्मीदवार बनाना चाहता है। सिन्हा एक निजी सुरक्षा एजेंसी के मालिक हैं तथा माना जाता है कि क्षेत्र में काफ़ी अच्छी पकड़ रखते हैं।

शत्रुघ्न के बागी होने से भी भाजपा के लिए मुश्किल हुई पटना साहिब की सीट:

साल 2008 में बिहार की राजधानी पटना से विभाजित होकर परिसीमन स्वरूप बनी दो लोकसभाओं पाटलिपुत्र और पटना साहिब में से इस सीट पर अब तक दो बार 2009 और 2014 में भाजपा की टिकट पर बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा सांसद चुने गए हैं। लेकिन इस बार खेल बदल चुका है, शत्रुघ्न भाजपा से बागी हो चुके हैं, और कांग्रेस में शामिल होने को हैं। ऐसे में संभावना प्रबल है कि कांग्रेस शत्रुघ्न को टिकट देकर इस सीट से चुनावी उम्मीदवार बना सकती है। तीन बार के राज्यसभा सांसद भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद का यह पहला लोकसभा चुनाव होगा, ऐसे में जनसम्पर्क में अनुभव की यह कमी भी रविशंकर और भाजपा के लिए नकारात्मक साबित हो सकती है।

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