उत्तर प्रदेश के गंगा किनारे बसे गांवों की यात्रा कर अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश करने वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को सवाल किया कि क्या यूपीए सरकार के समय वे गंगा का पानी पी सकती थी? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ”यदि मैं इलाहाबाद-वाराणसी जलमार्ग का प्रोजेक्ट नहीं करता तो प्रियंका गांधी किस प्रकार से यात्रा करती? उन्होंने गंगा का पानी भी पिया, क्या वे यहीं यूपीए सरकार के समय भी कर पाती?”
प्रयागराज से वाराणसी तक बोट यात्रा की थी प्रियंका गांधी ने:
गौरतलब है कि अभी पिछले सप्ताह ही प्रियंका गांधी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में प्रचार कार्य में तेजी लाने के लिए प्रयाग संगम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक करीब 140 किलोमीटर की तीन दिवसीय बोट यात्रा की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत प्रियंका ने बोट के सहारे गंगा किनारे बसे गांवों का दौरा किया था, स्थानीय मंदिरों में दर्शन किया था और साथ ही गंगा के प्रमुख घाटों पर विश्राम करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय जनता से संवाद भी किया था। प्रियंका गांधी ने अपनी इस यात्रा की शुरुआत संगम के लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन कर, गंगा का पानी पीकर की थी। उस समय प्रियंका गांधी द्वारा गंगा नदी का पानी पीने के बाद सोशल मीडिया पर यह काफ़ी वायरल हुआ था कि ज़रूर ही मोदी सरकार ने गंगा सफाई के काम को गंभीरता से लिया होगा, तभी बोतलबंद पानी पीने वाले लोग भी अब इस नदी का पानी पीने से नहीं कतरा रहे हैं। यहां आपको बता दें कि गंगा भारत की सबसे लंबी नदी है और बीते कई सालों से इसमें प्रदूषण की बेहिसाब मात्रा बढ़ने की कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टस आती रही हैं।