कुछ महीनों पहले तक अनुमान था कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस मिलकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन सपा और बसपा के गठबंधन ने जब कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाया तो ये संभावना पूरी तरह खारिज हो गई। कांग्रेस ने भी अपना वज़ूद बचाने के लिए यूपी में अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी को पश्चिमी और पूर्वी यूपी प्रभारी बना दिया। इस तरह अब यूपी में कांग्रेस मज़बूत होकर उभरी है। ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी भाजपा को भी टक्कर दे रही है, तो सपा-बसपा गठबंधन के लिए भी चुनौती है। यही कारण है कि सपा और बसपा अब भाजपा के साथ ही कांग्रेस की आलोचना करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। सोमवार को अखिलेश यादव ने ट्वीट किया- ”उत्तर प्रदेश में एस॰पी॰, बी॰एस॰पी॰ और आर॰एल॰डी॰ का गठबंधन भाजपा को हराने में सक्षम है। कांग्रेस पार्टी किसी तरह का कन्फ़्यूज़न ना पैदा करे!”
मायावती बोली, कांग्रेस से पूरे देश में किसी तरह का कोई गठबंधन नहीं होगा:
कांग्रेस पार्टी से देश में किसी तरह का गठबंधन न करने का दावा करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर से ट्वीट कर स्पष्ट कर दिया है। मायावती ने ट्वीट किया कि ”बीएसपी एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है। हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आयेदिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई ना आयें।”
अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा कि ”कांग्रेस यूपी में भी पूरी तरह से स्वतंत्र है कि वह यहां कि सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करके अकेले चुनाव लड़े आर्थात हमारा यहाँ बना गठबंधन अकेले बीजेपी को पराजित करने में पूरी तरह से सक्षम है। कांग्रेस जबर्दस्ती यूपी में गठबंधन हेतु 7 सीटें छोड़ने की भ्रान्ति ना फैलाये।”