”इंदिरा गांधी के दो हाथ- संजय और कमलनाथ।” जानिए मध्य प्रदेश के नए नाथ को

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Kamalnath (right) with Rahul gandhi and Jyotiraditya scindia.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन कर, भाजपा और शिवराज के अजेय माने जाने वाले विजय रथ को रोकने में कामयाब हुई कांग्रेस इस दफ़ा सूबे की सत्ता तक पहुँच चुकी है। 15 साल बाद मप्र में सरकार बनाने जा रही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के तौर पर अनुभवी राजनेता कमलनाथ को चुन लिया। इस तरह मध्य प्रदेश में आखिरकार कांग्रेस का कमल खिल ही गया है। मई 2018 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने वाले कमलनाथ के नेतृत्व में ही पार्टी ने प्रदेश में चुनाव लड़ा और राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 109 पर समेटने के साथ ही 114 पर विजय हासिल की। बहुमत से सिर्फ दो सीट दूर रही कांग्रेस को उसके 4 बागी विधायकों सहित बसपा और सपा भी समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ सरकार बनाने का दावा भी पेश कर चुके हैं। इसी के साथ दो दिन बाद 17 दिसंबर को राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में कमलनाथ राज्य के 18वें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।

संजय और इंदिरा से लेकर राहुल-सोनिया तक के ख़ास रहे हैं कमलनाथ:

नेहरू-गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कमलनाथ स्कूल के समय से ही इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी के सहभागी रहे। देहरादून के दून स्कूल में दोनों ने साथ ही शिक्षा प्राप्त की। युवावस्था में कार कंपनी शुरू करने की सोची। जून 1980, संजय की मृत्यु के बाद बतौर कांग्रेस प्रत्याशी मप्र की छिंदवाड़ा लोकसभा से चुनाव लड़ा। उस समय इंदिरा गांधी ने कमलनाथ का प्रचार किया। कहा कि ‘कमल मेरा तीसरा बेटा है।’ उस समय यह नारा बहुत प्रचलित था कि ”इंदिरा गांधी के दो हाथ- संजय और कमलनाथ।” इस तरह छिंदवाड़ा से जीतकर कमलनाथ देश की 7वीं लोकसभा में पहुंचे। संजय गांधी के साथी रहे कमल ने इंदिरा, राजीव, सोनिया से लेकर राहुल गांधी तक को हमेशा ही खुले दिल से समर्थन दिया।

9 बार सांसद बने कमलनाथ:

छिंदवाड़ा के हर दिल पर राज करने वाले कमलनाथ के राजनैतिक जीवन पर विमर्श करे तो मालूम पड़ता है कि 72 वर्षीय इस दिग्गज शख्सियत को 40 साल की प्रत्यक्ष राजनीति का अनुभव है। कमलनाथ 9 बार मप्र के छिंदवाड़ा से निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे हैं। 2001 से 2004 तक कांग्रेस के महासचिव रहे कमलनाथ यूपीए की पहली सरकार में पर्यावरण और वन मंत्रालय का ज़िम्मा भी संभल चुके हैं। 1995-96 में कपड़ा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 2004-09 में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के साथ ही यूपीए-2 के दौरान सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का दायित्व भी कमलनाथ ने निर्वहन किया है।

विवादों के बीच कमलनाथ:

व्यावहारिक तौर पर विनम्र माने जाने वाले कमलनाथ मप्र के बड़े व्यापारी एवं उद्योगपतियों की श्रेणी में आते हैं। 1996 के बहुचर्चित हवाला कांड में उनका नाम आने के साथ ही, 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख दंगों में भी उन पर आरोप लगे थे।

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