राजस्थान विधानसभा-2018 के कल आए नतीजों में भाजपा जहां सरकार गवा बैठी, वहीं कांग्रेस इस बार बाज़ी मार ले गई। प्रदेश की कई विधानसभाएं ऐसी भी थी, जहां सालों से जमे हुए विधायकों के प्रति एंटी इंकम्बेंसी भारी पड़ी। इन्हीं में से एक रही राजधानी जयपुर की किशनपोल विधानसभा। किशनपोल में लगातार तीन बार से जीत रहे भाजपा उम्मीदवार मोहनलाल गुप्ता को रोमांचक मुक़ाबले में पटखनी देते हुए कांग्रेस प्रत्याशी अमीन कागज़ी ने 8770 मतों के अंतर से जीत दर्ज़ की। इस मुक़ाबले के दौरान अनेकों मौकों पर मोहनलाल ही हावी रहे, लेकिन आखिर में विजयी कागज़ी हुए।
मोहनलाल के प्रति नाराज़गी थी, मुस्लिम मतों को एकजुट किया कागज़ी ने:
बताया जाता है कि मोहनलाल गुप्ता की हार की सबसे बड़ी वज़ह स्थानीय मतदाताओं में उनके प्रति नाराज़गी रही। जयपुर शहर के बीचोंबीच के सघन बाज़ार को अपने में समेटने वाली किशनपोल विधानसभा का बड़ा व्यापारी वर्ग भी विधायक मोहनलाल गुप्ता से ख़ास खुश नज़र नहीं आ रहा था। इसके अलावा क्षेत्र के मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट कर, अपनी ओर करने में कागज़ी सफल हुए। मेट्रो स्टेशन के धीमे काम के दौरान भी इस क्षेत्र के लोगों को आवागमन व अन्य कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा। भाजपा सरकार के इस कार्यकाल में प्रशासन द्वारा परकोटे के अनेकों मंदिर भी तोड़े गए। मंदिर तोड़ने का विरोध नहीं करने के कारण भी लोगों के मन में भाजपा और गुप्ता के प्रति नाराज़गी थी। आखिरकार मतदान के समय इस नाराज़गी को भाजपा के खिलाफ भुनाते हुए किशनपोल के जनमत ने कांग्रेस और कागज़ी को चुन लिया।