मालवीय नगर में हिचकौले खाते हुए जीते कालीचरण सराफ

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Kalicharan saraf

राजस्थान विधानसभा चुनाव- 2018 के नतीजों में प्रदेश की जिन विधानसभाओं में कांटे की टक्कर देखी गई, उनमें से एक राजधानी जयपुर की मालवीय नगर विधानसभा रही। यहां से लगातार तीसरी बार जीतकर भाजपा नेता कालीचरण सराफ विधानसभा पहुंचे हैं। मालवीय नगर सीट के नतीजे जब सामने आने लगे, तो वे धड़कने बढ़ा देने वाले थे। 2013 के पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा को 48 हज़ार से अधिक मतों के भारी अंतर से परास्त करने वाले सराफ इस बार उन्हीं अर्चना शर्मा के सामने असहाय नज़र आए। मतगणना के दौरान अधिकतर मौकों पर कम वोट के अंतर से ही सही, लेकिन अर्चना, सराफ पर हावी रही। आखिर में क़िस्मत और जनमत ने बाज़ी पलटी और जीत के लिए दुआओं में लीन सराफ के लिए नतीजे भाग्यशाली साबित हुए। सराफ के सामने एक बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा को मायूस होना पड़ा। 1704 मतों के अंतर से कालीचरण विजयी हुए।

छात्र जीवन से सक्रिय राजनेता है सराफ:

छात्रनेता से राजनेता बनने वाली शख्सियतों की बात करें तो कालीचरण सराफ उन सभी में अव्वल दर्ज़े के किरदार रहे हैं। वर्ष 1974 की बात है, जब सराफ राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे। लम्बे समय तक एबीवीपी से जुड़े रहे। उसके बाद राजनीति की मुख्यधारा में प्रवेश किया, तो अब तक सात बार जीत हासिल कर विधानसभा में पहुंचे हैं।

मालवीय नगर में प्रभुत्व है सराफ का:

जयपुर शहर की वीवीआईपी विधानसभा मालवीय नगर में अब तक कालीचरण सराफ का एकछत्र प्रभुत्व रहा है। परिसीमन के बाद मालवीय नगर विधानसभा के लिए 2008 में हुए पहले चुनाव में सराफ ने कांग्रेस प्रत्याशी राजीव अरोड़ा को 20 हज़ार से अधिक मतान्तर से हराया। इसके बाद 2013 में अर्चना शर्मा को 48 हज़ार मतों के बड़े अंतर से पराजित किया था।

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