उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में ऐसी घटना हुई जिसके बारे में जानकार मानवता शर्मसार हो गई। गौहत्या और गौकशी के शक में उत्तेजित भीड़ द्वारा एक पुलिस इंस्पेक्टर को मार दिया गया। बताया जा रहा है कि बुलंदशहर जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर हाइवे पर भीड़ ने पुलिस जीप को घेरकर उसपर पथराव शुरु कर दिया। इसी बीच भीड़ में से एक गोली इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के सर में लगी तथा भीड़ में शामिल एक युवक भी गोली का शिकार हो गया।
गोली लगने के बाद भी पीटती रही भीड़:
मानविक निर्दयता की हद तो तब पार हो गई जब गोली लगने के बाद भी इंस्पेक्टर को भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटा गया। पोस्टमार्टम जांच में मृत इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के कंधे, पीठ, घुटनों पर डंडों के वार के निशान सामने आए। अनियंत्रित भीड़ की इस पशुता को देखकर अन्य साथी पुलिसकर्मी मौके से भागकर पास के खेतों में जा छिपे।
लखनऊ में भाजपा नेता की हत्या की गई:
बुलंदशहर की निर्दयी घटना के साथ एक दूसरी घटना उत्तरप्रदेश के लखनऊ से सामने आई। जहां कुछ अज्ञात लोगों द्वारा क्षेत्र के भाजपा नेता प्रत्युष मणि त्रिपाठी (34 वर्ष) की चाक़ू से गोदकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद इलाके में तनाव एवं दुःख का माहौल है। इस मामले में पुलिस द्वारा अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। जिसे लेकर लोगों में प्रशासन के प्रति गुस्सा है।
यहां ये दोनों घटनाएं हमारे समाज में निस्तेजता से जूझती इंसानियत पर हैवानियत के हावी होने की कहानी है। मानवता और संविधान को झकझोरते इस असंवेदनशील और असहिष्णु भीड़तंत्र का काबू से बाहर होना चिंतनीय है। कमोबेश आपसी कहासुनी, विवाद, नाराज़गी यदि जान लेने को उतारू मानसिकता में बदल जाए तो यह हमारी मानव सभ्यता के पतन की निशानी है।