यदि आपका भामाशह कार्ड एक्टिव नहीं, तो चिंता की ज़रूरत नहीं

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tweeted by @ashokgehlot51

पूर्ववर्ती राजस्थान सरकार की महत्वकांक्षी भामाशाह योजना से सम्बंधित भामाशाह कार्ड यदि आपके पास नहीं है अथवा कार्ड एक्टिव नहीं है, तो अब चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। खबरों के अनुसार वर्तमान राजस्थान सरकार अब इन कार्ड्स को निरस्त कर सकती है। भामाशाह कार्ड के प्रति सरकारी बेरुखी के निम्न प्रमुख कारण सामने आते हैं।

भामाशाह कार्ड पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तस्वीर का मुद्रित होना वह प्रतिकूल स्थिति है, जिसके कारण राजस्थान की नई सरकार इसे अपनाने में झिझक रही है।

दूसरा कारण यह कि अब चूँकि वर्तमान में सभी सरकारी लेन-देन, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण व सभी जनहितकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार कार्ड का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में एक अलग से भामाशाह कार्ड को विभिन्न योजनाओं से जोड़ना महज़ सरकारी प्रणाली को कठिन बनाने का काम करता है।

तीसरा कारण यह सामने आता है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना, जिसके तहत देशभर के 50 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ़्त स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है, यह योजना यदि राजस्थान में प्रभावी भूमिका निभाती है तो उस स्थिति में प्रदेश स्तर पर अलग से स्वास्थ्य बीमा योजना संचालित करने का कोई ख़ास औचित्य नहीं बनता।

एक और कारण यह कि राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री निःशुल्क दवाई योजना गहलोत सरकार की बेहद सफल एवं सराहनीय पहल मानी गई थी। भाजपा सरकार ने इस योजना को कमज़ोर करते हुए, इसके ऊपर भामाशाह स्वास्थ्य योजना को प्रभावी बना दिया था। अब हो सकता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार फिर उसी योजना को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करते हुए आगे बढ़ाए, ऐसे में निश्चित तौर पर भामाशाह कार्ड खारिज कर दिए जाएंगे।

एक्टिव करवाने के लिए ई-मित्र वसूल रहे हैं 3 हज़ार रुपए तक:

गौरतलब है कि सरकारी प्रक्रिया द्वारा भामाशाह कार्ड सक्रिय करवाना बेहद बोझिल प्रक्रिया है। इसके लिए पाहजले खाद्य सुरक्षा के तहत नाम जुड़वाना पड़ता है। उसके बाद राशन कार्ड द्वारा राशन का वितरण शुरू किया जाता है। यह पूरी कार्यालयी प्रक्रिया लालफीताशाही और अफसरशाही के झोल में आमजन को उलझाने वाली है।

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