गांधीवादी विचारों व तौर-तरीकों से भारत के राजनैतिक, सामजिक व आर्थिक परिदृश्य में परिवर्तन लाने में भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं को साल 1995 से हर वर्ष भारत सरकार द्वारा गांधी शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। वार्षिक तौर पर दिए जाने वाले इस सम्मान के अंतर्गत पुरस्कार विजेता को 1 करोड़ रूपए, और स्मृति चिन्ह दिया जाता है। भारत के प्रधानमन्त्री, लोकसभा में विपक्षी नेता, मुख्य न्यायधीश व दो अन्य लोगों की कमेटी इस पुरस्कार के विजेताओं का निर्धारण करती है। साल 1995 से अब तक हर साल यह पुरस्कार दिया गया है। हालांकि 2006 से 2012 के बीच पुरस्कार किसी को नहीं दिया गया। इस बार भी यह पुरस्कार चार वर्ष बाद दिया जा रहा है। इससे पहले 2014 में भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संस्थान (इसरो) को यह सम्मान दिया गया था।
इस बार विवेकानंद केंद्र व सुलभ इंटरनेशनल को दिया गया गांधी शान्ति पुरस्कार:
यहां आपको बता दें कि भारत सरकार ने 2015, 2016, 2017 व 2018 के लिए गांधी शान्ति पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा एक साथ की है।
इसके अंतर्गत 2015 के गांधी शान्ति पुरस्कार से कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद केंद्र को सम्मानित किया जाएगा। 2016 के लिए मिड डे मील की व्यवस्था करने वाले अक्षय पात्र फाउंडेशन और सफाई कर्मियों की बेहतरी के लिए काम करने वाले सुलभ इंटरनेशनल को, 2017 के लिए एकल अभियान ट्रस्ट को और 2018 के लिए भारत सहित दुनिया भर में लैप्रोसी के लिए काम करने वाली संस्था के योहि सासाकावा को चयनित किया गया है।