भारतीय सीमा सुरक्षा बल के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव लोकसभा चुनाव 2019 में अपने आप को चौकीदार बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वाराणसी संसदीय सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं। खुद तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है। गौरतलब है कि साल 2017 में बीएसएफ के जवान तेज बहादुर ने अपना एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि उन्हें उनकी यूनिट में अच्छी गुणवत्ता का खाना नहीं मिलता और सेना में अफसर भ्रष्टाचार करते हैं। वह वीडियो देशभर में बहुत अधिक प्रचलित हुआ था। तब बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए तेज बहादुर यादव को बर्खास्त कर दिया था।
पुरानी पेंशन बहाली एवं पैरामिलिट्री को शहीद का दर्जा देने की मांग उठा रहे हैं तेज बहादुर:
पूर्व जवान तेज बहादुर का मानना है कि ”अगर जिंदा हो तो गलत नीतियों का विरोध करना सीखो! क्योंकि पानी की धाराओ के साथ ज़िंदा इंसान नहीं बल्कि लाशें बहा करती हैं!!”
उन्होंने बताया कि ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की मुहिम देखकर मैंने बीएसएफ में हो रहे भ्रष्टाचार पर आवाज़ उठाई थी, लेकिन मुझे निकाल दिया गया। अब मैं चुनाव लड़कर सेना से भ्रष्टाचार ख़त्म करना चाहता हूं। चुनाव निर्दलीय लडूंगा और पुरानी पेंशन बहाली एवं पैरामिलिट्री के जवानों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग उठाता रहूंगा। मैं सोच रहा हूं क्यों ना बनारस से निर्दलीय चुनाव लड़ा जाए मोदी जी के खिलाफ, मैं किसी पार्टी की गुलामी तो कर नहीं सकता। मुझे लगा कि मेरे लिए बनारस लोकसभा क्षेत्र उत्तम है क्योंकि देश में और कोई कैंडिडेट मुझे लगा नहीं कि जिसके खिलाफ चुनाव लड़ा जाए। लोकसभा में सिपाही और चौकीदार की जंग कैसी रहेगी।”