अप्रैल फूल (मूर्ख दिवस) के मायने समझिए भाजपा और कांग्रेस के नज़रिए से

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हर वर्ष अप्रैल महीने की पहली तारीख को दुनियाभर में अप्रैल फूल मनाया जाता है। काफी मसख़रा भरा यह दिन होता है, इस दिन लोग एक-दूसरे को मज़ाक-मज़ाक में मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं। भारत में भी काफी वर्षों से यह दिन मनाया जा रहा है। अब साल 2019, चूंकि भारत में आम चुनाव का साल है और इसी महीने से चुनाव प्रक्रिया शुरू होने वाली है, तो सोशल मीडिया और डिजिटल उपस्थिति के वर्चस्व वाले इस दौर में देश की राजनीति अपने ही अंदाज़ में अप्रैल फूल मना रही है। देश के दो प्रमुख राजनैतिक दल, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस दिन को एक-दूसरे को चिढ़ाते हुए मना रहे हैं। सत्ताधारी भाजपा जहां कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर मज़ाक बना रही है, तो विपक्ष में बैठी कांग्रेस, देश के प्रधानमंत्री और भाजपा के स्टार चेहरे नरेंद्र मोदी को लेकर तंज कस रही है।

भाजपा पप्पू दिवसमना रही है, तो कांग्रेस कह रही है मोदी मत बनाओ‘:

आज भारतीय राजनीति दुनिया की वर्चुअल उपस्थिति के सूचक सोशल मीडिया पर काफ़ी हद तक निर्भर हो चुकी है। पिछले पांच वर्षों में देखा जाए तो संसद या टीवी पर धुर राजनैतिक विचारधारा और राजनेताओं के मध्य इतनी बहस नहीं हुई जितना टकराव सोशल मीडिया पर हुआ है। ऐसे में आज अप्रैल फूल के दिन भी भाजपा और कांग्रेस की आपस में ठन गई है। भाजपा, राहुल गांधी के मज़ाकिया वीडियो, फोटो वायरल कर आज के दिन को पप्पू दिवस कहकर कांग्रेस की सरेआम खिल्ली उड़ा रही है; तो कांग्रेस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले दिए गए भाषण, उनके वादों-घोषणाओं की आज से तुलना कर वास्तविकता से परे व जुमला होने की बात कहकर ‘मोदी मत बनाओं’ का ट्रेंड चला रही है। इस तरह चुनावी सरगर्मियों के बीच पसीने छुड़ा देने वाले मौसम में दोनों ही दल तल्खियों के साथ ही हास्य की फुहार लिए नज़र आ रहे हैं, जिसके मज़े असल में स्वतंत्र आलोचक और आम जनता उठा रही है।

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