विद्याधर नगर में इस बार कांग्रेस से बागी हुए विक्रम सिंह शेखावत पिछले दो चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर क्षेत्र में दावेदारी ठोक चुके हैं। दोनों ही बार शेखावत को भाजपा प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। विक्रम सिंह ने इस बार भी चुनाव की तैयारी ज़ोर-शोर से की हैं, लेकिन कांग्रेस द्वारा तीसरा मौक़ा नहीं दिए जाने के बाद अपने दम पर निर्दलीय ही मैदान में उतर आए हैं। अपनी साफ़ छवि, क्षेत्र में प्रचंड जनाधार और आमजन से जुडी संवेदनाओं के कारण विक्रम सिंह विद्याधर नगर में तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं।
राजपूत वोट पर है अच्छी-खासी पकड़:
पिछले दो बार चुनाव लड़ चुके विक्रम सिंह निश्चित ही क्षेत्र के जनमत पर अच्छी पकड़ रखते हैं। इसके अलावा क्षेत्र में सर्वाधिक प्रभुत्व रखने वाले राजपूत समुदाय के लोगों की राजवी से नाराज़गी के कारण यह कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा के पक्ष में रहा राजपूत वोटबैंक भी अब विक्रम सिंह के पाले में खिसक आया है। यदि ऐसा होता है तो मज़बूत प्रत्याशी विक्रम सिंह के सामने भाजपा के राजवी और कांग्रेस दोनों को यह सीट गवानी पड़ सकती है।
कांग्रेस की तरफ से सीताराम अग्रवाल मैदान में:
कांग्रेस पार्टी द्वारा इस दफ़ा विक्रम सिंह को किनारे करते हुए क्षेत्र के प्रसिद्द उद्योगपति सीताराम अग्रवाल को टिकट देना पार्टी के लिए हानिकारक भी हो सकता है। यदि विक्रम सिंह क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को अपनी ओर कर लेते हैं तो निश्चित ही यह कांग्रेस के लिए परेशानी बन जाएगा। वहीँ दूसरी ओर सीताराम अग्रवाल को टिकट देकर कांग्रेस ने भाजपा के परम्परागत वोटबैंक क्षेत्र के वैश्य वर्ग को अपनी तरफ करने का प्रयास किया है। राजपूत जाति के बाद वैश्य वर्ग के मतदाताओं की संख्या क्षेत्र में सबसे अधिक होना सीताराम अग्रवाल और कांग्रेस के पक्ष में रह सकता है।
राजवी से नाराज़ है क्षेत्रवासी:
स्थानीय लोगों से बात करने पर सामने आया कि क्षेत्रीय विधायक नरपत सिंह राजवी के कामकाज को लेकर क्षेत्र का आमजन इतना खुश नज़र नहीं आता। माना जाता है कि दस साल से विद्याधर नगर के विधायक रहे राजवी का कार्यकाल जन अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया है। राजवी के प्रति यह नाराज़गी राजपूत वर्ग में भी पसरी है। इसलिए यह तो निश्चित है कि यदि राजपूत वर्ग राजवी को छोड़कर किसी तरफ जाता है तो वह विक्रम सिंह शेखावत हो सकते हैं। ऐसे में यदि विद्याधर नगर की सीट विक्रम सिंह निकाल ले जाए तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए।