इस दफ़ा कितनी कारगर होगी राजस्थान की राजनीति में बसपा?

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राजस्थान विधानसभा में हमेशा से अपना गौण प्रभाव रखने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इस बार के चुनाव में तैयारी के साथ मैदान में है। अपने प्रत्याशी के प्रचार के लिए राजस्थान आई बसपा सुप्रीमों कुमारी मायावती ने जयपुर ग्रामीण की आमेर विधानसभा के बिलोची और सूरजगढ़ में जनसभा करते हुए प्रदेश के कई मुद्दों व समस्याओं पर बात की। मायावती ने इस दौरान सरकार के प्रति आक्रामक न रहते हुए अपनी पार्टी की विचारधारा व सिद्धांतो को समर्थन देने के लिए लोगों से अपील की।

गौरतलब है कि राजस्थान की वर्तमान विधानसभा के लिए बसपा के 3 विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके तहत सादुलपुर, खेतड़ी और धौलपुर की सीट बसपा के खाते में गई थी। इस बार प्रदेश की 191 विधानसभा में चुनावी ताल ठोक रही बसपा प्रदेश की राजनीति में कितनी कारगर साबित होती है, यह तो वक़्त ही बताएगा।

इसलिए नहीं किया कांग्रेस से गठबंधन:

अपनी एक जनसभा में जनता से रूबरु होते हुए मायावती ने बताया कि कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने का निर्णय हमने सोच-समझ कर लिया है। गठबंधन करने से पार्टी को नुकसान होता, हमारी पार्टी कमज़ोर हो जाती। मायावती ने कहा कि हमने अकेले ही लड़ने का फैंसला लिया है, हमें विश्वास है कि यह सही साबित होने वाला है।

 

आरक्षण को बनाया प्रमुख मुद्दा:

जनता के सामने बोलते हुए बसपा सुप्रीमों ने दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के साथ ही किसान और मज़दूर वर्ग के अधिकारों की बात की। मायावती ने आरक्षण पर स्पष्ट कहा कि कमज़ोर वर्ग को प्रमोशन और नौकरियों में आरक्षण मिलना चाहिए। मायावती ने कहा कि कई ऐसी जातियां है जो पिछड़ी हुई है लेकिन उन्हें मंडल कमीशन के तहत आरक्षण नहीं दिया गया।

 

आमेर विधायक थाम चुके हैं बसपा का हाथ:

आमेर के वर्तमान विधायक नवीन पिलानिया इस चुनाव के लिए बसपा में शामिल हो गए हैं। पिलानिया आमेर सीट से बसपा के उम्मीदवार है। जाट नेता पिलानिया के बसपा में जाने से पार्टी को क्षेत्र विशेष में मज़बूती मिलेगी, इसके आसार है।

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