जी हां। इस आलेख का यह शीर्षक ही अपने आप में सब कुछ बयां कर रहा है। इंडिया स्पेंड की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2018 में संपन्न हुए 5 राज्यों के हालियां विधानसभा चुनावों में जहां-जहां प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार किया है, भाजपा को उन क्षेत्रों की 70% विधानसभा सीटों पर हार का मुँह देखना पड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम इन पांचों राज्यों में कुल मिलाकर 30 स्थानों पर 80 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार किया। इसमें नरेंद्र मोदी की रैली, सभा, भाषणों को समाहित किया गया है। इन 80 में से 32 सीटें ऐसी रही जहां पर भाजपा को जीत मिली, जबकि 57 सीटों पर करारी शिकस्त झेलनी पड़ी।
किसी राज्य में नहीं बना पाई सरकार:
गौरतलब है कि पांचों राज्यों के चुनावी नतीजें भाजपा के लिए नकारात्मक रहे। भाजपा इनमें से किसी भी राज्य में सरकार नहीं बना सकी। राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश जैसे गढ़ जहां भाजपा गवा बैठी, वहीं तेलंगाना और मिजोरम में केवल 1 – 1 सीट ही जीत पाई।
मध्य प्रदेश में नरेंद्र मोदी ने 10 रैलियों के सहारे राज्य की 33 सीटों को साधना चाहा, यहां भाजपा 19 सीट हार बैठी तो 14 सीट ही जीत पाई। ऐसे में यहां मोदी इफ़ेक्ट 42.4% कारगर रहा।
इसके बाद बात करे राजस्थान की तो यहां मोदी की 12 रैली और सभाएं हुई। इस तरह प्रदेश की 21 विधानसभा सीट कवर की गई। यहां 8 सीट जीतकर 13 सीट हारने वाली भाजपा के लिए मोदी 38% ही उपयोगी साबित हुए।
तेलंगाना की119 विधानसभाओं में से भाजपा 1 सीट ही जीत पाई। यहां नरेंद्र मोदी ने 3 रैलियां करते हुए 18 सीटों का प्रचार किया था लेकिन मोदी का प्रभाव महज़ 0.5% पर ही सिमट गया और भाजपा 18 में से 17 सीट सीधे तौर पर हार गई।
छत्तीसगढ़ में मोदी मैजिक पूरी तरह बेअसर साबित हुआ। यहां मोदी ने 4 विधानसभा सीटों पर 4 रैलियां की। भाजपा वे चारों सीट हार गई।
मिजोरम में भी मोदी के प्रचार अभियान की सफलता शून्य प्रतिशत रही। यहां 1 रैली के माध्यम से मोदी ने 4 विधानसभा सीटों का प्रचार किया। भाजपा इनमें से एक भी नहीं जीत सकी।