पिछले वर्ष 2018 में सितम्बर माह की 23 तारीख को देशभर में लॉन्च की गई आयुष्मान भारत योजना, भारत सरकार के साल 2017 की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर आधारित महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं नीति आयोग के तत्वाधान में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत देशभर के 10 करोड़ से अधिक परिवारों के तकरीबन 50 करोड़ सदस्यों तक निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। योजना में पात्र परिवार को प्राथमिक, द्वितीयक व तृतीयक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों में हर वर्ष 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा मुफ़्त दिया जा रहा है।
योजना के प्रभावी एवं सफल क्रियान्वयन के लिए 11 मई 2018 को एक स्वायत्त इकाई, ”राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (एनएचए)” का गठन किया गया था।
1983 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. इंदु भूषण को आयुष्मान भारत– प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना और नेशनल हेल्थ एजेंसी का सीईओ व 2002 बैच के अधिकारी डॉ. दिनेश अरोड़ा को योजना का डिप्टी सीईओ नियुक्त किया गया है।
आयुष्मान भारत योजना द्वारा भारत के खंडित और विभाजित स्वास्थ्य क्षेत्र को आवश्यकता आधारित व्यापक एवं समावेशित रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अंतर्गत मुख्यतः दो घटक सम्मिलित हैं।
पहला है देशभर में स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों की स्थापना। जिसके अंतर्गत करीब 150000 स्वास्थ्य एवं चिकित्सा केंद्रों की स्थापना कर, स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों के घर के पास पहुंचाने का प्रयास है। इन स्वास्थ्य केंद्रों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के साथ गैर संक्रमणकारी रोगों को कवर किया जाएगा। इसमें मुफ़्त आवश्यक दवाएं और नैदानिक सेवाएं भी शामिल हैं। इसके तहत पहला स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 14 अप्रैल 2018 को जांगला, बीजापुर, छत्तीसगढ़ में लॉन्च किया गया था।
दूसरा प्रमुख घटक है, ”प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना।” इसके द्वारा आर्थिक रूप से गरीब और कमजोर परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जा रही है। स्वास्थ्य सुविधा एवं कल्याण केंद्र इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
”स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत” के ध्येय के साथ संचालित की जा रही इस योजना में शामिल किए गए 10.74 करोड़ परिवारों की पात्रता 2011 के जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें एक परिवार में कितने भी सदस्य हो सकते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं में लड़कियों, महिलाओं, बच्चों व बुज़ुर्गों को प्राथमिकता दी गई है।
योजनान्तर्गत निःशुल्क उपचार सभी सरकारी व सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में उपलब्ध है। यहां आपको बता दें कि वर्तमान में 16905 अस्पताल योजना में सूचीबद्ध हैं। साढ़े आठ लाख से अधिक लोग इस योजना के तहत लाभान्वित हो चुके हैं। इसी के साथ देशभर में 62 लाख से अधिक ई-कार्ड्स योजना के लिए बनाए जा चुके हैं।
योजना द्वारा उपचार करवाने पर सर्जरी, ऑपरेशन सुविधा सहित 1,350 मेडिकल पैकेज को इसमें शामिल किया गया है।
योजना से सम्बंधित किसी भी जानकारी अथवा शिकायत के लिए एक 24X7 हेल्पलाइन नंबर-14555 जारी किया गया है। योजना के लिए पात्रता की जांच नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी की वेबसाइट पर मोबाइल नंबर दर्ज़ कर की जा सकती है।
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