बेगूसराय जाने से हिचकिचाते गिरिराज सिंह का अमित शाह ने बढ़ाया हौंसला

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भारतीय जनता पार्टी ने अपने फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह को इस बार बिहार की नवादा लोकसभा से टिकट न देकर राज्य की बेगूसराय सीट पर उम्मीदवार बनाया है। बेगूसराय सीट पर गिरिराज के सामने सीपीआई प्रत्याशी जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तो आरजेडी की तरफ़ से तनवीर हसन मैदान में हैं। गौरतलब है कि गिरिराज सिंह इस बार भी नवादा से ही चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन नवादा की सीट भाजपा के सहयोगी गठबंधन दल के हिस्से में जाने से गिरिराज को नवादा से दूर होना पड़ा। दूसरी तरफ़ 2014 में बेगूसराय की सीट से भाजपा के सांसद बने भोला सिंह का निधन अक्टूबर 2018 में हो गया था। ऐसे में भाजपा ने बेगूसराय सीट पर अपने कद्दावर प्रत्याशी गिरिराज सिंह के नाम पर मुहर लगा दी। लेकिन इस अनचाही मुहर और टिकट पर गिरिराज सिंह खुश नज़र नहीं आए और इस तरह पार्टी द्वारा उनकी सीट बदले जाने को स्वाभिमान के साथ समझौता बताया। एक न्यूज़ चैनल से गिरिराज सिंह ने कहा कि ”मुझे केंद्रीय नेतृत्व से कोई शिकायत नहीं है, मेरी शिकायत प्रदेश नेतृत्व से है, मुझे भरोसे में लिए बगैर मेरी सीट बदली गई। मैं अपने स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं कर सकता। 1996 और 2014 में मैं बेगूसराय से टिकट चाहता था, लेकिन तब वहां से भोला सिंह को आगे किया गया।” गिरिराज सिंह का यह बयान तो यही कहता है कि पार्टी के प्रति नाराज़गी के चलते उन्हें बेगुसराय से चुनाव लड़ने में परहेज़ है। लेकिन दूसरी तरफ़ यह भी खबरों में रहा कि गिरिराज सिंह कन्हैया कुमार के रूप में मिलने वाली कड़ी चुनौती के कारण उस सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते।

नाराज़ गिरिराज को अमित शाह ने मनाया:

बेगूसराय से चुनाव लड़ने में गिरिराज सिंह की बेरुखी का कारण चाहे जो भी हो लेकिन देश में बात-बात पर लोगों को पाकिस्तान चले जाने की सलाह देने वाले गिरिराज सिंह को जब भाजपा आलाकमान ने नवादा छोड़कर बेगूसराय चले जाने का निर्देश दिया, तो गिरिराज ख़फ़ा हो गए और बेगूसराय जाने से हिचकिचाने लगे थे। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर हौंसला अफ़ज़ाई की-

”श्री गिरिराज सिंह बिहार के बेगूसराय से लोक सभा चुनाव लड़ेंगे। उनकी सारी बातों को मैंने सुना है और संगठन उनकी सभी समस्याओं का समाधान निकालेगा। मैं चुनाव के लिए उन्हें शुभकामनायें देता हूँ।”

अमित शाह के इस तरह ट्वीट कर गिरिराज सिंह को बेगूसराय से चुनाव लड़ने की शुभकामनाएं देने का सीधा अर्थ लगाया जा सकता है कि गिरिराज भले ही बेगूसराय से चुनाव लड़ने के इच्छुक न हो लेकिन भाजपा उनके कंधे पर हाथ रखे हुए है। शायद यही कारण है कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व का सम्मान करते हुए अब गिरिराज सिंह भी बेगूसराय जाने के लिए कमर कस चुके है।

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