राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आए पूरा एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद आखिरकार नई सरकार ने अपने मंत्रियों के लिए मंत्रालय का ज़िम्मा भी तय कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के घर चल रही बैठकों और विमर्श के दौर के बाद पहले मंत्री परिषद को शपथ ग्रहण करवाई गई, और फिर उसके बाद अब नवनियुक्त मंत्रियों में मंत्रालयों/विभागों का बंटवारा किया गया।
13 कैबिनेट व 10 राज्य मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को भी बांटे मंत्रालय:
राजस्थान सरकार ने अपने सभी निर्वाचित विधायकों में से 13 कैबिनेट मंत्रियों व 10 राज्य मंत्रियों का चयन किया था। गुरुवार को देर रात 2 बजे मंत्रालय दायित्व बंटवारे की जो सूची आई, उसमें इन सभी 23 मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मंत्रालय प्रभार का दायित्व सौंपा गया।
गहलोत के पास 9, तो पायलट के पास 5 मंत्रालय:
मुख्यमंत्री बनने के बाद अशोक गहलोत मंत्री पद सूची में अपने पक्ष के अधिकतर विधायकों को मंत्री बनवाने में सफल रहे। इसके बाद अब मंत्रालय बंटवारे की सूची को देखा जाए तो यहां भी बाजी गहलोत ने ही मार ली है। गृह, कार्मिक व वित्त समेत सरकार के 9 बड़े मंत्रालयों का प्रभार लेने में मुख्यमंत्री गहलोत सफल रहे, वहीं दूसरी ओर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और सांख्यिकी विभाग ही अपने अधिकार क्षेत्र में कर पाए। इनके अलावा कैबिनेट के 13 मंत्रियों की बात करें तो बीड़ी कल्ला को ऊर्जा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, भूजल, कला-साहित्य-संस्कृति और पुरातत्व, केकड़ी विधायक रघु शर्मा को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा, ईएसआई, सूचना एवं जनसंपर्क, शान्ति धारीवाल को पहले की तरह स्वायत्त शासन, नगरीय विकास एवं आवासन, विधि विभाग एवं विधि परामर्शी कार्यालय, प्रताप सिंह खाचरियावास को परिवहन और सैनिक कल्याण विभाग, परसादी लाल मीणा को उद्योग एवं राजकीय उपक्रम, मास्टर भंवरलाल मेघवाल को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा आपदा प्रबंधन, पूर्व केंद्रीय मंत्री लालचंद कटारिया को कृषि, पशुपालन और मत्स्य, प्रमोद जैन भाया को खान एवं गोपालन, विश्वेंद्र सिंह को पर्यटन एवं देवस्थान विभाग, हरीश चौधरी को राजस्व, निवेशन, कृषि सिंचित क्षेत्रीय विकास, रमेश मीणा को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, उदयलाल आंजना को सहकारिता और इंदिरा गांधी नहर परियोजना, सालेह मोहम्मद को अल्पसंख्यक, वक़्फ़ एवं जनअभियोग निराकरण मंत्रालय का दायित्व एवं प्रभार दिया गया।
देरी हुई, क्योंकि दिल्ली से तय हुए नाम और विभाग:
पहले मुख्यमंत्री का चयन, फिर मंत्री सूची के नाम और अब मंत्रालयों/विभागों का बंटवारा, प्रदेश कांग्रेस सरकार में इस पूरी प्रक्रिया का संचालन इस दफ़ा दिल्ली में बैठे कांग्रेस पार्टी के आलाकमान द्वारा किया गया। यहीं कारण रहा कि प्रक्रिया में सुनियोजितता के साथ देरी दिखाई दी।
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