राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही प्रदेश में सरकार बदल गई। शपथ ग्रहण के साथ ही नई सरकार अपना पदभार संभाल चुकी है। ऐसे में प्रदेश के आमजन की कुछ उम्मीदें भी इस सरकार के साथ जुड़ गई है। प्रदेश के शिक्षाविदों की माने तो शिक्षा क्षेत्र में प्रगति के साथ ही नई सरकार से उम्मीद है कि वह बंद हो चुके व बदहाल स्थिति झेल रहे विश्वविद्यालयों को सुचारु व संचालित करने का काम प्राथमिकता से करेगी। इसी के साथ प्रदेश के अनेकों विश्वविद्यालयों, शिक्षा संस्थानों, महाविद्यालयों में खाली पड़े अधिकारी, शिक्षकों के पदों को भरने की ज़िम्मेदारी भी अब वर्तमान सरकार के जिम्मे आ गई है।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय को बंद कर चुकी है पूर्व सरकार:
गौरतलब है कि निवर्तमान भाजपा सरकार ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के नाम पर वर्षों से संचालित हो रहे हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय को बंद कर दिया था। भाजपा सरकार द्वारा यह फैसला लिए जाने के बाद विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी ने उस पर नाराज़गी जताई थी। तब कांग्रेस ने कहा था कि वह इस विश्वविद्यालय को फिर से शुरु करवाएगी। इसी के साथ शेखावाटी क्षेत्र में खेल विश्वविद्यालय भी अभी तक केवल कागज़ों में ही सिमट कर रह गया है। प्रदेश के खेल प्रेमी इस तरह के विश्वविद्यालय के नियमित संचालन की आस भी वर्तमान सरकार से लगाए बैठे हैं।
सूचना केंद्र के स्थान पर फन पार्क बनाने का निर्णय भी शिक्षाविदों की नज़र में उचित नहीं:
गौरतलब है कि राजधानी जयपुर में वर्षों से स्थापित सूचना केंद्र को तोड़कर उसकी जगह फन पार्क बनाने का निर्णय भी गत भाजपा सरकार द्वारा लिया गया था। प्रदेश के शिक्षाशास्त्रियों, विद्वानों व विद्यार्थियों द्वारा इस फैसले की कठोर आलोचना की जा चुकी है। सैंकड़ों छात्रों व शहरवासियों के लिए अध्ययन केंद्र के रूप में काम आ रहे सूचना केंद्र को तोड़ने का काम चुनाव पूर्व किया जा चुका है। ऐसे में वर्तमान सरकार इस पर रोक लगा दे, इसकी संभावना बेहद कम है।