संसद की लोक लेखा समिति ने स्वदेशी हल्के लड़ाकू तेजस विमानों के उत्पादन में हुई देरी पर हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को फटकार लगाईं है। संसदीय समिति ने उत्पादन में हुई देरी पर कहा कि तेजस देश की वायुसेना एवं जलसेना के लिए अतिआवश्यक लड़ाकू विमान है। यह देश की सुरक्षा पंक्ति को मज़बूत बनाने का काम करता है। इसके उत्पादन में हो रही देरी देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा हो सकती है।
200 विमान देने थे, लेकिन जुलाई तक वायुसेना को 6 ही सौंपे गए:
राज्यसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार 200 तेजस विमान और 20 ट्रेनर तेजस बनाए जाने थे, लेकिन जुलाई 2018 तक एचएएल केवल 6 तेजस विमान ही वायुसेना को सौंप पाया है। समिति ने यह भी कहा कि स्वदेशी निर्मित हल्के लड़ाकू तेजस विमानों को ऑपरेशनल उड़ान भरने की आरंभिक अनुमति मिले पांच वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अभी तक तेजस को अंतिम मंज़ूरी नहीं मिल सकी है।
मल्लिकार्जुन खड़गे हैं समिति के अध्यक्ष:
तेजस के धीमे उत्पादन पर हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को फटकार लगाने वाली संसदीय समिति के अध्यक्ष राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हैं। समिति में कुल 22 सदस्य हैं जिनमे 15 लोकसभा से तथा 7 राज्यसभा से हैं।