राजस्थान विधानसभा के चुनाव निकट है। राजनैतिक दलों व उम्मीदवारों के साथ मतदाता भी लोकतंत्र के इस महोत्सव में भागीदारी निभाने के लिए तैयार हो चुके हैं। साल 2013 के पिछले चुनाव की तुलना करे, तो इस बार प्रदेश की मतदाता सूची में 20 लाख नए मतदाताओं को सम्मिलित किया गया है। ये 20 लाख मतदाता पहली बार मतदान करके लोकतंत्र की परिहार्यता सिद्ध करेंगे। इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके 50 हज़ार वयस्क इस बार मतदान नहीं कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग द्वारा 1 जनवरी 2018 के बाद 18 वर्ष के होने वाले मतदाताओं की गणना नहीं करने के कारण यह हुआ है।
1 जनवरी 2018 मानी गई है मानक तिथि:
निर्वाचन विभाग ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में मतदान करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष के लिए मानक तिथि 1 जनवरी 2018 से पहले की मानी है। अर्थात 1 जनवरी 2018 के बाद 18 वर्ष के होने वाले व्यक्ति इस बार मतदान नहीं कर सकेंगे। आयोग के आंकड़ें कहते हैं कि प्रदेश में करीब 50 हज़ार व्यक्ति ऐसे होंगे जो 1 जनवरी के बाद 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के कारण मतदान में भाग नहीं ले पाएंगे। हालांकि ऐसे युवा साल 2019 के लोकसभा चुनावों में मतदान कर सकेंगे।
पहले 21 वर्ष थी मतदान की न्यूनतम आयु:
गौरतलब है कि भारत की संसदीय लोकतंत्र प्रणाली में एक मतदाता के रूप में भागीदार बनने के लिए साल 1988 तक न्यूनतम आयु 21 वर्ष थी। वर्ष 1988 में 61वें संविधान संशोधन द्वारा राजीव गांधी के नेतृत्व में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उस आयु सीमा को घटाकर 18 वर्ष कर दिया था। उस संशोधन के द्वारा भारत में मतदान करने की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित की गई है।