जानिए आईएएस- 2018 के ऑल इंडिया टॉपर कनिष्क कटारिया को, पहले प्रयास में हासिल किया पहला स्थान

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शुक्रवार, 5 अप्रैल की शाम को संघ लोक सेवा आयोग की तरफ़ से सिविल सेवा परीक्षा- 2018 के अंतिम नतीजे जारी कर दिए गए। कुल 759 अभ्यर्थियों का चयन यूपीएससी की ओर से किया गया। भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के साथ ही केंद्र की ‘A’ और ‘B’ ग्रुप की नौकरियों में भर्ती के लिए वर्ष में एक बार आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त किया राजस्थान, जयपुर के रहने वाले कनिष्क कटारिया ने। आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग करने वाले कनिष्क का सिविल सेवा परीक्षा में यह पहला अटैम्प्ट था। उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट मैथमैटिक्स था। इस परीक्षा के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए कनिष्क ने अपने कुछ साथी सीनियर्स, जोकि पहले ही सिविल सेवा में चयनित हो चुके थे, से सलाह ली, साथ ही एक बार दिल्ली में कोचिंग भी की थी। यहां आपको बता दें कि कनिष्क के पिता भी प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं।

via: UPSC

पढ़ाई में हमेशा से ही अव्वल रहे हैं कनिष्क:

क्रिकेट, फुटबॉल और टेनिस में खासी रूचि रखने वाले कनिष्क ने साल 2009 की आईआईटी जेईई परीक्षा पास कर देशभर में 44वां स्थान हासिल किया था। 10वीं और 12वीं कक्षा में भी 90 फीसदी से ज़्यादा अंक हासिल किए थे। ऐसे में कनिष्क पढ़ाई में हमेशा ही अव्वल रहे। आईआईटी से इंजीनियरिंग करने के बाद कनिष्क ने करीब डेढ़ साल दक्षिण कोरिया में काम किया, इसके बाद एक वर्ष बैंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर नौकरी भी की।

परिणाम आने के बाद यह कहा कनिष्क ने:

देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में मानी जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने की ख़ुशी के साथ कनिष्क कटारिया ने मीडिया को बताया कि ”मेहनत बहुत की थी। पेपर और इंटरव्यू भी अच्छे गए थे, लेकिन उम्मीद नहीं थी कि पहली रैंक आ जाएगी। इस परीक्षा की तैयारी 2017 के मार्च महीने से शुरू की। हर दिन 8 घंटे तो कम से कम पढ़ाई करता था, उसके बाद जब मुख्य परीक्षा पास आई तो पढ़ाई का समय बढ़ा दिया। अब चूंकि पहले स्थान पर आया हूं तो सभी को उम्मीदें रहेगी कि एक अच्छा प्रशासनिक अधिकारी बनूं और यहीं कोशिश करूंगा।” ‘इस परीक्षा की तैयारी करने वालों को क्या सलाह देना चाहेंगे’, इसके जवाब में कनिष्क ने बताया कि ”किसी को भी अंधाधुंध फॉलो नहीं करें, कोई जड़ी-बूटी नहीं है, कोई रॉकेट साइंस नहीं है सभी की अपनी-अपनी मज़बूती और कमज़ोरी होती है। उसे पहचानकर उसके अनुसार रणनीति बनाकर तैयारी करें।”

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