लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान होने के बाद देशभर में आचार संहिता लगने के साथ ही चुनाव आयोग द्वारा निर्देश दे दिया गया था कि कोई भी राजनेता चुनाव प्रचार में किसी तरह से भारतीय सैन्य बलों के नाम का उपयोग नहीं करेगा, इस तरह से प्रचार कर वोट नहीं मांगेगा। चुनाव आयोग के इस निर्देश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेवज़ह ही सेना से संबंध दर्शाने वाले पोस्टर-बैनर देशभर से हटा लिए गए थे। लेकिन भारतीय सेना को मोदी जी की सेना बताने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ विवादों में घिर आए। चुनाव आयोग ने तो योगी को नोटिस भेजा ही साथ ही पूर्व थलसेना अध्यक्ष व भाजपा नेता जनरल वीके सिंह ने भी बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में भारतीय सेना को मोदी जी की सेना बताने वाले को देशद्रोही बता दिया।
गौरतलब है कि वीके सिंह के संसदीय क्षेत्र गाज़ियाबाद में प्रचार करने गए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि ‘कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते थे और मोदी जी की सेना उन्हें सिर्फ गोली और गोला देती है। यह अंतर है; कांग्रेस के लोग मसूद अजहर जैसे आतंकियों के लिए जी का इस्तेमाल करते हैं, मगर पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार आतंकियों के कैंप पर हमले कर उनका कमर तोड़ती है।’
योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने गाज़ियाबाद के डीएम से इस पर रिपोर्ट मांगी तथा बाद में योगी को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया। जनरल वीके सिंह से जब बीबीसी ने इस बारे में पूंछा तो सिंह ने कहा कि भारतीय सेना को यदि कोई मोदी जी की सेना कहता है तो वह न केवल गलत है, बल्कि देशद्रोही है। हालांकि इसके बाद एएनआई से सिंह ने कहा कि ‘जो मुझे बोलना था बोल चुका अब उसको और तोड़ो मरोड़ो मत। योगी जी ने जो कहा है आप लोगों ने उसको भी तोड़ा मरोड़ा है। चुनाव आयोग तो 100 चीज़ों के लिए नोटिस देता है।’