गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जनसभा को सम्बोधित करते हुए मोदी सरकार की नाकामी को बड़े सकारात्मक तरीके से पेश किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि ”नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या ने भारत नहीं छोड़ा था, जब तक यहां कांग्रेस सरकार थी। जब उन्होंने देखा कि वह सरकार तो सत्ता से चली गई और एक नया चौकीदार आया है, चौकन्ना चौकीदार आया है तो वो भारत से भागकर दूसरे देशों में चले गए।”
जबकि मोदी सरकार की असफलता है माल्या, मोदी, मेहुल का भागना:
राजनाथ सिंह ने जिस साफगोई से विजय माल्या, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी के देश छोड़कर भाग जाने की घटना का ज़िक्र किया वह किसी भाजपा नेता के चुनावी प्रचार के लिए तो समझ आती है, लेकिन देश के गृहमंत्री द्वारा कही गई ये बात आधारहीन ही लगती है। इन भगौड़े कारोबारियों ने देश में पैसा कमाया और फिर देश के बैंकों से हज़ारों करोड़ों का क़र्ज़ लेकर चम्पत हो गए। हमारे बैंकों के लिए यह न चुका हुआ क़र्ज़ एनपीए (नॉन प्रॉफिट एसेटस) हो चुका है। इस तरह कारोबारियों की ऐसी कारगुज़ारी के कारण अक्सर हमारी बैंकिंग व्यवस्था की कमर टूट जाती है। परिणाम यह होता है कि बैंक छोटे और ज़रूरतमंद कारोबारियों को भी लोन देने से हिचकिचाते हैं। राष्ट्रीयकृत बैंकों को हुआ यह घाटा देश की अर्थव्यवस्था को कमज़ोर बनाता है। इस तरह यह कोई मामूली बात तो बिलकुल नहीं हो सकती। सरकार के लिए शर्मनाक है, लेकिन आश्चर्य कि गृहमंत्री महोदय ने बड़ी शान से भरी सभा में इस पर भी अपनी चौकीदारी की मिसाल दे ही दी। कमाल है, इतना गुरूर को चौर को अपनी चौरी पर भी नहीं हुआ होगा जितना चौकीदार अपनी फेल हो चुकी चौकीदारी पर कर रहा है।