लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र की 15 बड़ी बातें

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनज़र अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस महीने से शुरू होकर अगले महीने ख़त्म होने वाले इस चुनावी समर में घोषणा पत्र का बहुत हद तक महत्व होता है। सरकार में आने पर राजनैतिक दल विभिन्न विषयों पर किस प्रकार से कार्य करेंगे, उनका क्या दृष्टिकोण होगा, क्या कार्यनीति होगी इसका उल्लेख घोषणा पत्र करता है। ऐसे में जानते हैं कांग्रेस पार्टी की उन प्रमुख घोषणाओं को, जिनके आधार पर जनमत आकर्षित भी होगा तो बिखरेगा भी। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में उल्लेख किया कि-

  1. कांग्रेस ने 2030 तक देश से गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके अंतर्गत भारत में न्यूनतम आमदनी की गारंटी की घोषणा की है। न्यूनतम आमदनी 12 हज़ार रुपये प्रति माह निर्धारित की गई है। इसके अनुसार देश के 20 फ़ीसदी सबसे गरीब लोगों को इसमें 5 करोड़ परिवार और 25 करोड़ लोग आने का दावा किया गया है, प्रत्येक परिवार को 72 हज़ार रुपये तक सालाना उपलब्ध करवाए जाएंगे।
  2. कांग्रेस की घोषणा है कि 1 अप्रैल, 2019 के अनुसार केन्द्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, न्यायपालिका और संसद के सभी 4 लाख रिक्त पदों को मार्च 2020 तक भर दिया जायेगा। कांग्रेस सरकार राज्यों को, शिक्षा-स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों (ग्राम पंचायत, नगर निकाय) के लिए धन आंवटित करने से पहले शर्त रखेगी कि शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों के सभी रिक्त पदों (करीब 20 लाख) को प्राथमिकता से भरा जाये।
  3. कांग्रेस ने सरकार बनने पर लोकसभा के पहले सत्र में, और राज्य सभा में, संविधान संशोधन विधेयक पास करवाकर, लोकसभा और राज्य विधान सभाओं में, महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करेगी। इसी के साथ केन्द्र सरकार के सेवा नियमों में संशोधन करके केन्द्रीय नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने की बात कही गई है।
  4. सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए होने वाली परीक्षा से आवेदन शुल्क को समाप्त किया जायेगा।
  5. कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा के अन्य केंद्रीय संस्थानों की नियुक्तियों में 200-बिंदु रोस्टर प्रणाली को बहाल करने की घोषणा की।
  6. अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने सम्मिलित किया कि एससी, एसटी और ओबीसी के लिए पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने के लिये संविधान में संशोधन किया जाएगा और वन अधिकार अधिनियम के तहत खारिज किये गये सभी आईएफआर/सीएफआर दावों की समयबद्ध समीक्षा और 6 महीनों के भीतर इनका निपटारा किया जाएगा तथा 18.9 लाख आदिवासी परिवारों की बेदखली रोकी जाएगी।
  7. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भारत के संविधान में शामिल अनुच्छेद 370 की संवैधानिक स्थिति को न बदलने की घोषणा की है।
  8. कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की कि मनरेगा-3.0 का शुभारंभ किया जाएगा, जो विशेषतौर पर जल सुरक्षा, मिट्टी की गुणवत्ता, और किसानों को होने वाले अन्य संकट से निपटने में कारगर होगा, इसके अन्तर्गत जिन ब्लॉक या जिलों ने 100 दिन के कानूनी रोजगार के लक्ष्य को पूरा कर लिया है, वहाँ पर रोजगार दिवसों की संख्या बढ़ाकर 150 की जायेगी।
  9. भारत के अनुमानित 140 लाख से अधिक लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आजीविका के लिए मत्स्य उद्योग पर निर्भर हैं। ऐसे में कांग्रेस ने मत्स्य उद्योग और मछुआरों के कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय के गठन की बात की है।
  10. भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (जो की देशद्रोह के अपराध को परिभाषित करती है) जिसका कि दुरूपयोग हुआ, और बाद में नये कानून बन जाने से उसकी महत्ता भी समाप्त हो गई है उसे खत्म किया जायेगा।
  11. कांग्रेस ने सभी के लिये स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने की घोषणा की कि वर्ष 2023-24 तक स्वास्थ्य सुविधाओं पर कुल सरकारी खर्च को दोगुना बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत किया जायेगा।
  12. कांग्रेस ने घोषणा की कि आगामी 5 वर्षों में शिक्षा के लिये बजट आवंटन को दोगुना बढ़ाकर जीडीपी का 6 प्रतिशत किया जाएगा।
  13. राफेल सहित पिछले पांच साल में भाजपा सरकार द्वारा किये गये सौदों की जांच की जायेगी।
  14. कांग्रेस की घोषणा है कि रियल स्टेट (सभी क्षेत्र), पेट्रोलियम उत्पाद, तंबाकू शराब को जी.एस.टी. काउन्सिल से अनुमोदन के पश्चात अधिकतम् दो वर्ष के अन्दर जी.एस.टी. की परिधि में लाया जायेगा।
  15. कांग्रेस ने पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए आर्म्ड फार्स स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (एएफएसपीए) में संशोधन करने और विशेष दर्जे को बहाल करने की घोषणा की। साथ ही भाजपा सरकार द्वारा पेश नागरिकता संशोधन विधेयक को तुरंत वापस लेने की घोषणा की।

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