उत्तर प्रदेश की हरदोई लोकसभा से भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने इस चुनाव में पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने से नाराज़ होकर पार्टी सदस्यता से अपना इस्तीफ़ा दे दिया है। यहां ख़ास बात यह रही कि सांसद अंशुल वर्मा ने लखनऊ स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचकर वहां के सुरक्षा कर्मी/चौकीदार को अपना इस्तीफ़ा सौंपा और कहा कि इतने सारे चौकीदार बने हुए थे ऐसे में असली चौकीदार को ही इस्तीफ़ा सौंपा है। इसके बाद वर्मा ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
भाजपा ने टिकट काटा, लेकिन सपा भी कर चुकी है हरदोई से उम्मीदवार का ऐलान:
यहां आपको बता दें कि हाल ही में भाजपा ने जब देशभर की 186 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की तो उसमे हरदोई से सांसद अंशुल वर्मा के स्थान पर पूर्व सांसद जयप्रकाश रावत को टिकट दिया गया। इस पर अंशुल ने आरोप लगाया कि दलित होने की वजह से उनका टिकट काटा गया। अंशुल ने कहा कि ”इन पांच वर्षों में हरदोई में मैंने 24 हजार करोड़ रुपए विकास कार्यों पर खर्च किए हैं। सदन में और क्षेत्र में 90 फीसदी से अधिक उपस्थित रहा हूं, ऐसे में मेरा टिकट काटने का कोई कारण ही नहीं बनता। भाजपा ने पार्टी के प्रति मेरी 21 साल की निष्ठा को नकारते हुए रावत को टिकट दिया जोकि कई बार दलबदल कर चुके है।”
यहां अंशुल वर्मा अब भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो चुके है लेकिन देखा जाए तो प्रदेश की 37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली सपा भी 23 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। इन्हीं 23 सीटों में हरदोई भी आती है, जहां से सपा ने उषा वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। अब ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि क्या समाजवादी पार्टी, भाजपा के सदस्य रहे सांसद को प्रदेश में किसी लोकसभा से दावेदारी का मौक़ा देगी या सांसद अंशुल वर्मा दोनों तरफ़ से खाली हाथ रह जाएंगे।