भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे लाल कृष्ण आडवाणी के बाद अब मुरली मनोहर जोशी भी 2019 लोकसभा के चुनावी मैदान में नहीं होंगे। कानपुर से सांसद 85 वर्षीय जोशी को इस दफ़ा भाजपा न चुनाव लड़ने का मौक़ा दे रही है न ही प्रचार करने का। मंगलवार को मुरली मनोहर जोशी ने अपनी संसदीय सीट कानपुर के मतदाताओं के नाम एक पत्र लिखते हुए जाहिर किया कि वे इस चुनाव में उम्मीदवार नहीं होंगे। जोशी ने अपने पत्र में लिखा-
”कानपुर के प्रिय मतदाताओं,
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव श्री रामलाल ने मुझे आज बताया है कि मुझे कानपुर या अन्य कही से भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।”
उत्तर प्रदेश में भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में भी नहीं है जोशी और आडवाणी का नाम:
उल्लेखनीय है कि भाजपा की स्थापना कर दशकों तक उसे सींचने वाले पार्टी के कर्णधार लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी 2014 से पहले तक उत्तर प्रदेश में पार्टी के सर्वप्रमुख चेहरे रहे हैं। राम मंदिर के लिए रथयात्रा आयोजन के ज़रिए देशभर में लोकप्रियता पाने के साथ ही यूपी में हिंदुत्व की दक्षिणपंथी राजनीति का प्रणेता इन्हीं दिग्गजों को माना जाता रहा है। ऐसे में अब बात आज की करें तो लोकसभा चुनाव में दोनों को ही भाजपा ने दावेदारी का मौक़ा नहीं दिया। साथ ही पार्टी ने 80 लोकसभा सीटों वाले सूबे में विजय दिलाने का ज़िम्मा जिन स्टार प्रचारकों को दिया है, उस पैनल से भी इन्हें मरहूम कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, उमा भारती सहित 40 स्टार प्रचारकों की सूची भाजपा ने यूपी लोकसभा के पहले दो चरणों के लिए तैयार की है, भाजपा की स्थापना के बाद यह पहली बार है जब इस सूची में जोशी और आडवाणी का नाम नहीं है।