देश की 17वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। कुल 7 चरणों में देशभर की 543 सीटों पर चुनाव और फिर उसका परिणाम यह सब कुछ अगले 2 महीनों के अंदर घटित हो जाएगा। ऐसे में सरकार में बैठा दल जहां फिर से सत्ता पाने की चाह पाले हुए चुनाव में उतर रहा है तो वही विपक्ष की चाहत है कि सत्ताधारियों को बेदखल कर खुद उस पदवी पर पहुंच जाए। ऐसे में सरकार भयउ लोकलुभावन वादें और घोषणाएं कर रही है तो विपक्ष भला इससे क्यों बाज आए। वर्तमान में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2019 के आम चुनाव में मतदाता को अपनी ओर करने की जुगत लगाते हुए जो घोषणाएं अपने घोषणा पत्र में सम्मिलित की है, एक दफ़ा उन पर नज़र दौड़ाते हैं।
- देश के आम और गरीब जन को अपनी ओर करने की कोशिश में कांग्रेस पार्टी की सर्वप्रमुख घोषणा है सभी को न्यूनतम आमदनी की गारंटी।
- सरकार में आने के बाद देशभर के किसानों की कर्जमाफी कांग्रेस पार्टी का दूसरा वादा है।
- संसद में सालों से अटके पड़े महिला आरक्षण विधेयक को पास करवाना भी कांग्रेस की प्रमुख घोषणा है।
- कांग्रेस जीएसटी प्रणाली में में सुधार का वादा कर व्यापारी वर्ग को आकर्षित करना चाह रही है।
- सरकारी क्षेत्र की नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 फ़ीसदी आरक्षण का पुख्ता इंतज़ाम भी कांग्रेस का वादा है।
- देश के शिक्षा बजट को जीडीपी के 6 प्रतिशत तक ले जाने की घोषणा भी कांग्रेस पार्टी ने की है।
- इसी तरह देश के स्वास्थ्य बजट को जीडीपी के 3 प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा कांग्रेस पार्टी ने की है।
- सभी भारतीयों को स्वास्थ्य देखभाल का अधिकार देकर मुफ़्त दवाई, जांच उपलब्ध करवाते हुए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास करना कांग्रेस की प्रमुख घोषणा है, जिसके दम पर मोदी सरकार की महत्वकांक्षी ‘आयुष्मान भारत योजना’ की आलोचना कांग्रेस पार्टी कर रही है।
- कांग्रेस ने स्टार्ट अप में निवेश पर लगने वाले एंजल टैक्स को समाप्त करने की घोषणा की है।
- अर्धसैनिक बलों के कार्मिक यदि नौकरी के दौरान जान गवाते हैं तो उनके लिए शहीद का दर्ज़ा देना भी कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र का मुख्या मुद्दा है।