सोमवार को भारतीय वायुसेना के हवाई बेड़े में एडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर CH-47F (I) चिनूक के शामिल होने के साथ ही हमारी सैन्य क्षमता में दर्शनीय इज़ाफ़ा हुआ है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी बोईंग की इंडिया ब्रांच को भारतीय वायुसेना ने 15 चिनूक हेलीकॉप्टर का ऑर्डर दिया था, जिसमें से आज सोमवार को चंडीगढ़ में आयोजित हुए समारोह में आधिकारिक तौर पर पहले चार CH-47F (I) चिनूक को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। इस अवसर पर एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने बताया कि ”देश को कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पडता है; हमें देश के विविध इलाकों में ऊर्ध्वाधर लिफ्ट क्षमता (सीधी ऊंचाई पर उड़ान) की आवश्यकता होती है। ऐसे में चिनूक का उत्पादन भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल विशिष्ट संवर्द्धन के साथ किया गया है। यह हेलीकॉप्टर न केवल दिन में बल्कि रात के दौरान भी सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं; पूर्व में असम के दिन्जन के लिए इसकी एक और इकाई बनाई जाएगी। चिनूक का हमारी वायुसेना में सम्मिलित होना एक गेम चेंजर साबित होगा।”
20 हज़ार टन सामान के साथ 20 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं चिनूक:
आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना ने अपना पहला CH-47F (I) चिनूक हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर 10 फरवरी को मुंद्रा बंदरगाह, गुजरात में प्राप्त किया था। जुलाई 2018 में भारतीय वायु सेना के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर ने अपनी पहली उड़ान पूरी की। ये 20 हज़ार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं, साथ ही कम से कम 50 सैनिकों को अथवा 20 टन रसद/सामान ले जा सकते हैं।
चिनूक अत्यधिक ऊंचाई तक अधिक वजनी पेलोड पहुंचा सकता है और उच्च हिमालय क्षेत्र (सियाचीन, लद्दाख) में परिचालन के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। ये हेलीकॉप्टर सैन्य और गुप्त मिशनों में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने का काम करेंगे। आपको बता दें कि चिनूक भारी वज़नी लिफ्ट का टैंडेम रोटर हेलीकॉप्टर है जो कि वर्तमान में दुनिया के 19 देशों के सशस्त्र बलों के साथ कार्य करता है। यह एक बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर है, जिसका उपयोग सैनिकों और सामग्री के परिवहन के साथ ही अन्य कार्यों में भी किया जा सकेगा।