ओडिशा की सरकार में काबिज़ बीजू जनता दल (बीजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को राज्य की 54 विधानसभा सीटों के साथ 9 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। 70 वर्षीया महिला प्रमिला बिसोई को ‘अस्का’ लोकसभा से उम्मीदवार घोषित कर बीजेडी ने धनबल की राजनीति को किनारे करने की एक मिसाल पेश की है। आज जहां राजनीति में आने के लिए पारिवारिक पृष्ठभूमि के साथ ही पैसों की अहमियत बढ़ती दिखाई देती है, ऐसे समय में ज़मीनी स्तर की पार्टी कार्यकर्ता प्रमिला बिसोई को सांसद का टिकट मिलना बड़ी बात है।
एक एकड़ से भी कम ज़मीन है प्रमिला के पास:
प्रमिला बिसोई को ‘अस्का’ लोकसभा से प्रत्याशी घोषित करने वाले नवीन पटनायक का कहना है कि ”बीजेडी राजनीति में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है, उनका संसद जाना बहुत उत्साहजनक होगा।”
आपको बता दें कि प्रमिला पिछले 18 साल से बीजेडी की कार्यकर्ता है। प्रमिला के पास कुल एक एकड़ से भी कम जमीन है, जिस पर वो और उनके पति खेती करते है। उनका बड़ा बेटा दिलीप पास ही के गांव में चाय बेचने का काम करता है, छोटा बेटा रंजन, बाइक सुधारने का गैरेज चलाता है। पूरे परिवार की मासिक आय 10 से 12 हज़ार रूपए प्रति महीने हैं। ऐसे में आर्थिक पृष्ठभूमि के लिहाज़ से भले ही प्रमिला कमज़ोर हो, लेकिन सामाजिक स्तर पर महिला सशक्तिकरण के द्वारा आसपास के क्षेत्र में ख़ास पहचान बनाई हुई है। प्रमिला ने क्षेत्रीय महिलाओं को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। क्षेत्र में कई स्वयं सहायता समूहों का संचालन करते हुए प्रमिला ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। प्रमिला ने अपने गांव को खुले में शौच मुक्त करवाने के लिए भी जागरूकता फैलाने का काम किया है। गांव के पास की पहाड़ी में मोर संरक्षण समिति के सक्रिय सदस्य के तौर पर भी प्रमिला ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम किया है। प्रकृति संरक्षण में उनके इस योगदान के लिए उन्हें प्रकृति मित्र और प्रकृति बन्धु पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।